पांडे अमित, खैरागढ़। भिलाई फैक्ट्री प्लांट (बीएसपी) के सेवनिवृत्त कर्मचारी छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल गेड़ी को लेकर नए खेल की रचना लेकर आए हैं। इस खेल को उन्होंने ‘गेड़ी फुटबॉल’ नाम दिया है। “गेड़ी-बॉल” की इस अवधारणा के प्रणेता बीएसपी के पूर्व मोनोक्रैक निदेशक ड्यूक जैन और इसके मूर्तिकार रूप वाले बीएसपी के पूर्व प्रशिक्षु और प्रशिक्षक ताजुद्दीन हैं। इसे भी पढ़ें : माता-पिता के घर से फिर उठेगी किलकारी, जल्द ही जल्द ही मिलेगा शुभ समाचार…
छत्तीसगढ़ में गेड़ी, गांव-गांव, शहर-शहर में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का हिस्सा है, जिसे लेकर भिलाई प्लांट के पूर्व संयंत्र के सहयोग से खैरागढ़ में इस नए खेल का आरंभ किया गया। स्थानीय सांगठनिक सिंह खेल मैदान में आज एक दिव्य गेड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें खैरागढ़, बेमेतरा, राजनंदगांव और मानपुर मोहला जिले की टीमों ने हिस्सा लिया।
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गेड़ी यानी दो लंबे बांस और हर एक में 08 से 10 बांस के टुकड़ों को ऐसे जोड़ा जाता है, जिसकी पर्सनैलिटी सबसे प्यारी होती है। युवा इन पर सामान्यीकृत का प्रयास करते हैं, फिर से चलने का और जब चलना शुरू हो जाता है तो दौड़ लगाने का अभ्यास किया जाता है। यह सब आसान नहीं है.
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इस नए खेल “गेड़ी-बॉल” की परिकल्पना प्लांट के पूर्व कर्मचारी, कर्मचारी और वे कॉन्स्टेंट इस खेल का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। जिला स्टैच्यूअल प्रतियोगिता के बाद राज्य स्टैच्यूअल प्रतियोगिता भी जानी जाती है। इस साल खैरागढ़ जिले में तीन स्टेडियमों के बीच मुकाबला हुआ। “गेडी-बॉल” की इस अवधारणा के प्रणेता पूर्व डेमोक्रेट निदेशक ड्यूक जैन और इसके मूर्तिकार के रूप में योगदान देने वाले सीएसआर के पूर्व छात्र और खेल प्रशिक्षक ताजुद्दीन विशेष रूप से शामिल थे।
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