भारतीय कुश्ती संघ के निलंबित अध्यक्ष पर भड़का खेल मंत्रालय, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी, जानें क्या है पूरा मामला

स्पोर्ट्स। भारतीय कुश्ती संघ (रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह का नाम एक बार फिर से रिपब्लिकन में है। मंगलवार को खेल मंत्रालय (भारत के खेल मंत्रालय) ने निलंबित डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह (निलंबित डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह) पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जा रहा है कि, डब्लूएफआई से टिकट होने के बावजूद भी संजय सिंह कुश्ती संघ के सदस्यों ने पासपोर्ट और सरकारी मान्यता के संबंध में सरसर उल जलूल और डॉक्युमेंट्री का दावा किया है, जो दावा करता है कि खेल मंत्रालय को रास नहीं आ रहा है। संजय सिंह की कॉमेडी पर गेम मिनिस्ट्री की धाक जमा दी गई है। इतना ही नहीं नौबत की चेतावनी तक।

इससे पहले बता दें कि इससे पहले संजय सिंह की गोवा में नवनिर्वाचित डब्ल्यूएफआई समिति ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिता (राष्ट्रीय प्रतियोगिता) के लिए जूनियर रेसलर्स का एक साल का अवकाश गोंडा में घोषित किया था, लेकिन खेल मंत्रालय ने इस समिति के इसके तीन दिन बाद 24 दिसंबर को ही इसे निलंबित कर दिया गया था। इसके बावजूद संजय सिंह ने शनिवार को दावा किया था कि 29 जनवरी से 31 जनवरी तक पुणे में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में लगभग 700 रेसलर भाग लेंगे और अब मिनिस्ट्री में संजय सिंह का यही दावा है।

जानिए खेल मंत्रालय ने क्या कहा?

मिनिस्ट्री ने संजय सिंह को दर्शाया पत्र में कहा गया है कि आपके द्वारा डब्ल्यूएफआई की वर्तमान में निलंबित कार्यकारी समिति (डब्ल्यूएफआई की निलंबित कार्यकारी समिति) के निर्देश और पुणे में आपके द्वारा आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में कुछ आरोप लगाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से निराधार और बंधक हैं। . मंत्रालय ने पहले ही 7 जनवरी 2024 को पत्र के माध्यम से आपको बताया था और पूरा मामला स्पष्ट कर दिया था। एक बार फिर से सूचित किया गया है कि डब्ल्यूएफआई के निलंबित कार्यकारी समिति के सदस्यों द्वारा किसी भी चैंपियनशिप या प्रतियोगिता को अस्वीकृत और गैर-मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता माना जाएगा।

अनोखी बातों के बारे में आपको भारतीय कुश्ती चैंपियनशिप की स्थिति के संबंध में कोई भी अप्रमाणित दावा करने से बचने की सलाह दी जाती है। यदि इसका पालन नहीं किया गया तो मंत्रालय द्वारा आगे कानूनी कार्रवाई पर विचार करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। इसमें गलत सूचना और निराधार दावे के आधार पर देश के कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है। आपकी टिप्पणियाँ खिलाड़ियों और कुश्ती से जुड़े अन्य लोगों के बीच भ्रम और चिंता पैदा हो रही है।

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