0 हाथी हाथी की साडी-गली मिली मौत, वन विभाग 2 -3 दिन पुराना बता रहा है
0 शिकारियों के करंट से हुई मौत, 4 को किया गया गिरफ्तार
रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत हाथी हाथी रेंज में करंट की चपेट में आए मदा सहित 3 अन्य की मौत हो गई। जा रहा है कि रसेल द्वारा निर्देशित जंगली सुअर के शिकार के लिए तार-तार दिए गए थे। जिले में डीएफओ ने बताया कि 2-3 दिन पुराना है मगरमच्छ का मृत शरीर और भी पुरानी होने की बात कह रहे हैं।
धरमजयगढ़ वन मंडल में दो सप्ताह के हाथी की हुई मौत। इससे पहले भी 11 अक्टूबर को करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई थी। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के छात्र रेंज के जंगल में कुछ अज्ञात शिकारियों के द्वारा प्रवाहित विद्युत तार की धारा से प्रवाहित विद्युत तार की चपेट में आने से एक मादा हाथी की मौत हो गई। इसके अलावा चारने के लिए चले गए 3 सितारे (दो बैल और एक गाय) की भी इस तार की चपेट में आने से जान चली गई।
वनमंडल के अधिकारी धरमजयगढ़ अभिषेक जोगावत ने बताया कि 23 अक्टूबर को शाम करीब 5 बजे बहेरामार में क्रम संख्या 548 पी.एफ. स्थानीय ग्राम मरघटीपतरा जंगल में हाथी हाथी मृत राज्य में पाया गया। पशु चिकित्सा अधिकारी के दल द्वारा जांच के बाद पता चला कि हाथी की मृत्यु का विद्युत परीक्षण किया गया है।
डीएफओ ने दी ये डील
डीएफओ जोगावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इलाके में विचरण कर रहे हाथों पर वन अमला की नजर रखी गई थी। 21 अक्टूबर को आखिरी बार जब हैंडियों को देखा गया था, तो संभवत: चूहों को शिकारियों द्वारा बायलाए गए करंट से हथिनी की मौत हो गई थी। वहीं दूसरी ओर एक मरीज के शव पर नजर रखी तो उसे घसीटा गया और 4 5 दिन से भी ज्यादा पुराना लग रहा है। वन अमले की विरासत को छुपाने के लिए मृतकों को दो-तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। अगर इस बात को मन भी लिया जाए तो घटना के दूसरे दिन ही वन अमले को पता क्यों नहीं चला।
ग्रामीण भी नहीं देते घटना की जानकारी
असली इलाके में हाथियों की मौत की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं, यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटना होने के बाद फंसने के डर से वन अमले को सूचना दी जाती है। विस्तृत वन का मैदानी अमला भी सक्रिय नहीं है इसलिए घटना की जानकारी देर से उपलब्ध है। अन्यथा वयोवृद्ध हाथी की मृत्यु हो और किसी को भी पता न चले ऐसा संभव नहीं होता।
11000 वोल्ट के तार से की थी हुकिंग
इस घटना के बाद वन विभाग की टीम द्वारा संदेह के आधार पर ग्राम मुंडुंद के तहसील छात्र के नंदकुमार राठिया, महादेव राठिया, जयसिंह एवं हृदय राम राठिया को पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान उनके द्वारा बताया गया कि 11000 वोल्ट से अवैध हुकिंग कर कई मीटर दूर तक बांस खूंटी के पास नंगा तार फैला हुआ था। किस संपर्क में ज्ञान जंगली मादा हाथी की मौत हुई है। घटना स्थल के आसपास जंगली हाथियों का विचरण क्षेत्र है। पौराणिक विद्युत तार से विकीर्ण करन से एक प्राणी की हत्या कर दी गई।
शिकारियों ने जंगली सुअर को मारने के लिए तार डालाया था। वहीं मशीन पर से अंतिम संस्कार करने के उद्देश्य से सारे तार खूंटा आदि को छिपा दिया गया था, जिसे वन अमले द्वारा पूछताछ के बाद जप्त किया गया था और वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर अंतिम को जेल में डाल दिया गया है।
करंट से दो माह में तीन हाथियों की मौत
यह घटना बेहरामार बीट के 548 पीएफ़ में हुई है। महिला की उम्र करीब 30 साल मरीज बताई जा रही है। बता दें कि, सितंबर और अक्टूबर माह में अब तक तीन हाथियों की घातक धारा प्रवाहित तार की चोटी में आने से हो गई है। इससे पहले 10 सितंबर को मेंदरमार में और 11 अक्टूबर को बायसी और हेलैलो के बीच दो हाथों का शव मिला। उक्त दोनों हाथी उस समय धारा प्रवाहित तार की चोटी में ग्यान काल के गाल में समा गए जब वह अपने पेट समर्थन भोजन की तलाश में निकले थे।
अंतिम मुद्रा से ही क्यों मर रहा है हाथी..?
छत्तीसगढ़ के कोरबा और धरमजयगढ़ वनमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों की पहचान है। डेटा पर नज़र तो धरमजयगढ़ क्षेत्र में करेंसी से अब तक कई हाथियों की मौत हो चुकी है। ग्रामीण या तो शिकार के लिए करंट प्रवाहित तार गुमनामते हैं या फिर जंगली जंगल से अपने विवेक को बचाने के लिए ऐसा करते हैं। इन घटनाओं से पता चलता है कि यहां का मैदानी वन अमला काफी जीवंत है, वहीं ऐसी घटनाएं के बाद भी इलाके के सभी वन अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं। अब बात आ रही है कि वन मुख्यालय में एसी स्काई में बैठे वन अधिकारी को इस पर ध्यान केंद्रित करना है और बेजुबान हैंडियों के रॉकेट पर क्रैकर रूम बनाना है।