रिश्वत लेने वालों को बीईओ उच्च न्यायालय से मिले बाइज्जत बरी

बिलाईगढ़। अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ के अधीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो के रिश्वत मामले में सुझाव दिए गए, विकासखंड शिक्षा अधिकारी को उच्च न्यायालय ने अपनी सभी नियुक्तियां मुक्त कर दी हैं।

यह मामला वर्ष 2008 का है। अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ के अधीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सैनिक शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अपने सभी शिक्षकों को मुक्त कर दिया है।

फ़र्ज़ीवाड़े में सजा कटकाले है मैनुए

एंटी करप्शन ब्यूरो ने टैब मेन्स से 5000 मरीज़ों को भर्ती करने का मामला दर्ज किया था, जबकि मेन्स स्वयं फर्जी ए.के. सूची में कोटेशन रचनाकार शिक्षा कर्मी वर्ग 3 की नौकरी कर रही थी, लेकिन संघ में नौकरी से छूटी 3 वर्ष 5 माह 08 दिन की सजा कटैली है। सुनवाई के दौरान यह खबर सामने आई कि खंड शिक्षा अधिकारी को षडयंत्रा एफसी एफसी ने परेशान कर दिया है, जिसके बाद सीएडी शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन ने उच्च न्यायालय में सभी टिकटों को बरी कर दिया है। उच्च न्यायालय ने प्रोटोटाइप विकासखंड शिक्षा अधिकारी रोहित देवांगन को आरोप से मुक्त कर दिया। रिश्वतखोरी के मामले में इस तरह के शिक्षा अधिकारी का बरी हो जाना शामिल है कि साजिश के तहत भी ऐसे मामले तैयार किए जाते हैं। मगर कोर्ट में होने वाली सुनवाई में जब पोल खुलती है तो सरकारी एजेंसियों को भी मुक्की खानी मिल जाती है।