रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तीन दिव्य रायपुर आर्ट, साहित्यकार एवं फिल्म महोत्सव (आरएएलएफएफ23) का आयोजन किया गया है। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म कहि देबे संदेश की भी प्रस्तुति दी गई थी।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हमें कला, साहित्य और सिनेमा की संस्कृति के बारे में सीखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ को बशीरगढ़ और बांसगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब सात समन्दर पार लोग यहां की संस्कृति, कला, साहित्य और विरासत के बारे में जानते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री चंबा के प्रयास से यह सब संभव हो गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने फिल्म नीति का निर्माण किया है, जिसके लिए फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हमारा दृष्टिकोण है कि छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला, संस्कृति, विरासत और प्रकृति को फिल्मों में स्थान मिले।
रायपुर आर्ट, साहित्यकार एवं फिल्म महोत्सव 2023 के उद्घाटन अवसर पर महोत्सव के क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय ने सभी समर्थकों का स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि रायपुर कलाकार, साहित्यकार एवं फिल्म महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंच प्रदान करने का प्रयास है।
रायपुर कलाकार, साहित्यकार एवं फिल्म महोत्सव 2023 के उद्घाटन समारोह में अखिल भारतीय व्यावसायिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर ने अपनी किताब में कहा, ”फिल्म, साहित्य समाज का आईना होता है। फ़िल्म और टेलीविज़न आज हर घर को जोड़ कर रखा गया है।”
इस मौके पर रायपुर कमिश्नर संजय अलंग ने छत्तीसगढ़ में गढ़ और छत्तीसा के संकल्पना के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के इतिहास से लेकर निर्माण तक की कहानी को अपने किस्सागोई में बताया।
अनुपमा ने सितार वादन से दर्शकों का मोहा मन
अनुपमा भागवत ने सितार वादन से दर्शकों का मन मोह लिया। उनके रघुपति राघव राजा राम के नायकों के दौरान दर्शकों के तालियों के गड़गड़ाहट से सैकेकोरियम गूंज उठा। इस दौरान टेबल पर रामेन्द्र सिंह ने साथ दिया। बता दें अनुपमा भागवतुला छत्तीसगढ़ के भिलाई जन्मी आज देश विदेश में अपने सितारवादन के कला से प्रसिद्ध हैं।
रेस्त्रासी के बच्चों ने अनामगाथा लिखी
फिल्म महोत्सव के दौरान प्रिंस कॉलेज के छात्रों ने अनामगाथा के माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी का जीवंत प्रस्तुतीकरण किया। जिसमें प्रिंस कॉलेज के दूसरी से छठी कक्षा के 70 बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी को दर्शकों ने काफी पसंद किया।