रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच ने रविवार को पैदल यात्रा निकाली। मोर चिन्हारी मंच ने प्रदेश में सभी विषयों में छत्तीसगढ़ी माध्यम से पढ़ाई, सरकारी जिम्मेदारी में छत्तीसगढ़ी को अनिवार्य करना, पहली से पांचवी तक छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई, कईयों को आज तक नरेआ को लेकर यह यात्रा निकाली। यात्रा की शुरुआत आज सुबह 7 बजे मायामाया मंदिर से हुई और शहर के कई प्रमुख स्थलों से समुद्र तट स्थित महतारी चौक में समाप्त हुई।
पैदल यात्रा शुरू होने से पहले छत्तीसगढ़ी राजभाषा के संस्थापक नंद कुमार शुक्ला ने प्रभात से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि महतारी भाषा का माध्यम होना चाहिए, एक विषय नहीं होना चाहिए। हमारा जो अभियान है, पूरी महतारी भाषा-छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हरदी पहली बार लेकर पांचवी तक पढ़ाई का माध्यम होना चाहिए। नंद कुमार शुक्ल ने कहा कि भाषा विषय के रूप में अलग बात है। मीडियम भाषा बनी ये एक अलग बात है. केवल विषय भाषा बनी, यह अलग विषय है, लेकिन माध्यम महतारी भाषा हो, स्थानीय लेकर पैदल यात्रा राजधानी रायपुर में चलने जा रही है। महामाया मंदिर से इसकी शुरुआत हो रही है और कलेक्ट्रट चौक स्थित महतारी चौक में इसका समापन होगा। यह पैदल यात्रा लगातार जारी रहेगी।
गौ सेवक आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास भी इस पैदल यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी कार्यालय में, यहां तक कि विधानसभा में भी छत्तीसगढ़ी में प्रश्नोत्तरी है। मंत्री और संतरी छत्तीसगढ़ी भाषा में संबंधित उत्तर में, ऐसी बात हुई थी, लेकिन अभी तक इतनी अधिक समानता नहीं पाई गई है। इसी बात की चिंता कर आज सुबह पदयात्रा में निकल रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह जो जन-जागृति का काम चल रहा है, यह निश्चित रूप से पूरा होगा। छत्तीसगढ़ी भाषा भाषा बोलेगी।