बेमेतरा. राम मंदिर की 4.50 बजे नॉर्क ग्राउंड के अदला बदलाव मामले में अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. सौरभ निर्वाणी ने कहा है कि इस मामले में एसोसिएटेड अधिकारियों की याचिका लोक अदालत से आएगी और उनकी संपत्ति की जांच की मांग की जाएगी। इस बीच मुद्दे को लेकर संत समाज ने भी आंदोलन छेड़ दिया है।
बता दें कि बेमेतरा के सिंघोरा में दानदाताओं की ओर से ग्राम सिंघोरी में भूमि मंदिर के ट्रस्टों को दिया गया है। इस जमीन को अदला-बदली की प्रक्रिया के तहत दूसरी जगह जमीन दी गई जिसका विरोध हो रहा है। इसके अलावा ट्रस्ट के बेमेतरा-खिलौरा मार्ग पर स्थित 9 नॉकर ग्राउंड पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने ऐसी स्थिति बताई है कि अब वहां तक पहुंचने का मार्ग भी नहीं बन पा रहा है। इस मामले में आरोप है कि मूल्यवर्ग शिव अनंत तायल के एपिसोड के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बावजूद, अदला-बदले के खेल में नामांकित अधिकाधिकों ने एपिसोड को नास्ति बांधने के बजाय जिस तत्परता से जमीन की अदला बदलाव की है, वह छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला और अनोखा मामला है।
अब इस मामले में संत समाज ने आगे आकर आंदोलन छेड़ दिया है। महानिर्वाणी क्षेत्र राजिम, निर्मोही क्षेत्र, राजनादगांव, विष्णु स्वामी, रामानंदी संप्रदाय सहित नागा साधुओं के प्रमुख संतों ने प्रशासन में अपना दावा पेश करते हुए कहा कि किए गए कृत्य की आलोचना करते हुए जमीन पुराणी जगह पर विपक्ष की मांग की गई है, और चेतावनी भी दी गई है। मांग को लेकर जारी रखा जा रहा है आगे भी जारी रहेगा।
स्थानीय विधायक पर लगा आरोप- डेमोक्रेट का आरोप
इस मामले में अखिल भारतीय ब्राह्मण वैष्णव सेवा संघ ने स्थानीय कार्यकर्ता आशीष छाबड़ा पर अदला-बदली में मुख्य भूमिका निभाने और अपने छात्र को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। संघ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. सौरभ निर्वाणी ने कहा कि दूधाधारी मठ के राजेश्री महंत गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास को उनके द्वारा राम मंदिर न्यास की भूमि पर हस्तक्षेप करने के मुद्दे पर मुक्त करा लिया गया है, जिस पर साकेत की मांग की गई है। भागवताचार्य दिनेश वैष्णव ने कहा है कि राम मंदिर न्यास की भूमि अगर मंदिर का प्रशासन तुरंत भूमाइयों से वापस नहीं लेगी तो वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ पूरे प्रदेश भर में आंदोलन करेगा।