बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में चल रहे डाक विभाग में नौकरी के मामले में राज्य शासन ने अपना हलफनामा पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। विधायक नेता ननकीराम कंवर बनाम राज्य व अन्य मामलों की सुनवाई के दौरान राज्य शासन व अन्य उत्तरदाताओं की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता चंद्रेश सागर ने सदन में उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी गुजराती अदालत ने उन्हें रिटर्न-शपथ पत्र भरने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद, रॉब ननकी राम कंवर के प्रधान सचिव संजय कुमार अग्रवाल को भी प्रत्युतर-शपथ पत्र की पेशकश करने के लिए उच्च न्यायालय ने दो सप्ताह का समय दिया है। इस केस की सुनवाई बिलासपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा और न्यायाधीश एनके चंद्रवंशी की दो पीठ पर सुनवाई कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से पीएससी की चयन सूची को लेकर स्मारक सूची की सुनवाई के दौरान बताया गया कि जिन सहायकों पर आरोप लगाया गया है, उनमें से 5 लोगों ने जवेन कर लिया है। सरकार ने आज हाई कोर्ट को बताया कि पीएससी से संबंधित आदिवासियों की सिफारिशें हम फाइनाल नहीं कर रहे हैं। अगली तारीख से पहले हम उनके बारे में पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे।
कोर्ट ने गलत जानकारी दी
ग्रेटर ग्रेटर की तरफ से कोर्ट में 18 लोगों की एक सूची जारी की गई थी। बताया गया कि ये सभी पीएससी के सिपाही तामन सिंह सोनवानी, अन्य योद्धा और नेता के प्रतिद्वंद्वी हैं। इस सूची में नितेश का नाम युवा को सोनवानी का बताया गया था, लेकिन नितेश पूर्व सरपंच राजेश सिंह का बेटा है। यह नितेश ने आज अपने वकील के माध्यम से बात बताई। इस बीच स्ट्रॉबेरी ने सूची को लोकप्रिय बना दिया है। अब सूची में 15 नाम हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश की पेशकश पर ऑफर के वकील ने छूट दी।