डीएनए विश्लेषण: इज़राइल की युद्ध रणनीति, हमास के विशाल शस्त्रागार का रहस्य और एक नई विश्व व्यवस्था

इजराइल और हमास के बीच युद्ध का चौथा दिन इजराइल की जवाबी कार्रवाई के नाम रहा. आज इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि इजरायल हमास द्वारा शुरू किए गए युद्ध को समाप्त कर देगा। इजराइल के रक्षा बलों ने हमास के गढ़ गाजा को बदला लेने वाले क्षेत्र में बदल दिया है। सोमवार को इजराइल के रक्षा मंत्री ने सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जा करने का आदेश दिया था. जिसके बाद इजरायली लड़ाकू विमानों ने रात भर गाजा पर बम बरसाए. इजरायली सेना के मुताबिक उसने गाजा में रात भर में 200 जगहों पर बमबारी की, जिससे गाजा का आसमान पूरी रात कांपता रहा.

इस सबके बीच, एक चीज़ जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता वह है एक नई विश्व व्यवस्था का उदय। दुनिया में सत्ता का केंद्र बदल रहा है, एक नई विश्व व्यवस्था बनती दिख रही है। इसमें भारत भी शामिल है. भारत में राष्ट्रवाद की लहर है. देश के नागरिक देश के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर इसी साल जून में कनाडा में मारा गया था.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर में इस खालिस्तानी आतंकवादी की मौत के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था. जस्टिन ट्रूडो को लगता था कि भारत पर आरोप लगाकर वह भारत को दबाव में ला देंगे. कनाडा को लगा कि भारत इस दबाव के कारण झुक जायेगा. लेकिन ये दबाव कनाडा पर उल्टा पड़ गया. इस मुद्दे पर भारत के पलटवार ने दुनिया को कनाडा का छिपा हुआ चेहरा दिखा दिया. भारत ने अपने सबूतों से दुनिया को बताया कि कनाडा आतंकवादियों और विदेशी अपराधियों को संरक्षण देने वाला देश है. भारत के पलटवार के बाद कनाडा को झुकना पड़ा.

बदलती विश्व व्यवस्था का उदाहरण इजराइल भी है, जिसने हमास के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस्लामिक आतंकी संगठन हमास के गढ़ गाजा पट्टी में तबाही ही तबाही दिख रही है. हमास से निपटने के लिए इजराइल ने भी अमेरिका का रुख नहीं किया, बल्कि उसने अमेरिका समेत सभी देशों से कहा कि हमास को अपनी गलती की बड़ी सजा भुगतनी होगी.

भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा बनाने की घोषणा की गई। इस कॉरिडोर के बनने से भारत, यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजराइल और यूरोपीय देशों को काफी फायदा होगा। इतना ही नहीं, इस कॉरिडोर से यूरोप को भी मदद मिलेगी साथ ही इजराइल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और यूएई, सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देशों के साथ भारत के रिश्ते मजबूत हो सकेंगे. जिन इलाकों से ये गलियारा गुजरना है वहां ईरान भी एक ताकत है. इस कॉरिडोर से ईरान को कोई खास फायदा नहीं होने वाला है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इसी वजह से क्षेत्र में तनाव पैदा करने के लिए ईरान ने हमास के जरिए इजराइल पर हमला किया.

पिछले महीने यूएनजीए की बैठक में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कॉरिडोर को लेकर ईरान और फिलिस्तीन के खिलाफ कई बातें कही थीं. माना जाता है कि इसी वजह से ईरान ने हमास के जरिए इजराइल पर हमला करवाया, ताकि यूएई, सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देशों के साथ विवाद शुरू हो सके. आतंकी संगठन हमास के इस हमले के जरिए ईरान ने क्षेत्र में अपनी मौजूदगी और ताकत का संदेश दिया है.