0 मृतक की पत्नी की नौकरी और नौकरी के बाद शांत हुआ गुस्सा।
गरियाबंद. जंगल में तोड़फोड़ के आरोप में जेल में कैद भोज राम ध्रुव की मौत के बाद आक्रोश ए दृढ़ विश्वास का आज दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। अपनी जमात पर अड़े आदिवासी समुदाय ने आज फिर से गणतंत्र दिवस पर जाम कर दिया। इस वन विभाग के प्रतिप्रतिक्रियाशील गुस्से को भी देखें। सैकड़ों यहां लगाए गए बेरिकेट को तोड़ वन कार्यलय में घुसेड़ दिए गए और जम कर विस्फोट किया गया। इसके बाद शाम के वक्त जनाब समाज ने अपनी मिया मनवाने के बाद आंदोलन समाप्त कर दिया।
ये है मामला…
पिछले 28 अगस्त को गरियाबंद वन मंडल ने गरियाबंद रेंज के झितरी डूमर निवासी भोजराम पर आरोप लगाते हुए गरियाबंद उप जेल में तोड़फोड़ की थी। बुज़ुर्ग की तबियत दो दिन पहले ख़त्म हो गई थी। रविवार को उन्हें रायपुर अस्पताल पहुंचाया गया। यहां इलाज के दरमियान की मौत हो गई। इसके बाद एकजुटता के साथ जनजातीय समाज ने कल गरियाबंद के झंडा चौक पर नेशनल इंजिनियरिंग को जाम कर दिया।
समाज के नेत्री लोकेश्वरी नेताओं ने कहा कि पेशा कानून लागू होने के बावजूद प्रशासन से ज्यूजन बार-बार की स्थिति हो रही है। मृत परिवार को वन अमला में एक साल से चिंता हो रही है। उसके कारखाने में प्लास्टिक डाल दिया गया था। अब उनकी मौत के बाद वन विभाग का कलेजा शांत हो जाएगा। लोकेश्वरी नेता ने कहा कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ की शहीदी राशि और शहीद स्मारकों को निलंबित करते हुए प्रदर्शन जारी रहेगा।
दूसरा दिन उग्रवादी आंदोलन
सोमवार की रात 10 बजे तक यह आंदोलन जारी है। मंगलवार को फिर से 3000 की संख्या में जिले भर से पारंपरिक समाजिक लोगों ने फिर से झंडा चौक को जाम कर दिया। क्रोधित लोगों ने बेरीगेट्स को तोड़ कर वन परिसर का भी संकेत दिया। इस दौरान वैयक्तिक से मिले शतरंज के बाद तिरंगे चौक में ही समाजिक लोगों ने दिवंगत भोजराम को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाला आंदोलन समाप्त कर दिया।
पत्नी को नौकरी-शौकीन के लिए नौकरानी से सलाह
डीएफओ एम मनिवासगन ने प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद मृतक की पत्नी को वानिकी कार्य में दैनिक वेतन भोगी की नौकरी की नियुक्ति दी। उन्होंने यह भी कहा कि प्लांट की मांग को लेकर शासन को पत्र भेजा जा रहा है।