रायपुर। खैरागढ़ इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के राजधानी में ऑफ पाइलिट स्टडीज सेंटर में छात्र कोर्स शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का निर्णय लेने का निर्णय लिया गया है। खैरागढ़ के जनभावनाओं को देखते हुए नेता यशोदा वर्मा की मांग पर मुख्यमंत्री ने इस संबंध में फैसला लिया।
बता दें कि खैरागढ़ की विधायक यशोदा वर्मा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान अपने थाई और डेयरी कोर्स के बारे में राय जानने के लिए रायपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
खैरागढ़ में हुआ विरोध प्रदर्शन
सीएम एमबीएल के बजट सत्र में घोषणा की गई कि उच्च शिक्षा विभाग और पैसिफिक ने शनिवार को खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र की राजधानी में शुरू किया। इसका खैरागढ़ में बड़ा तीखा विरोध हो रहा था। यहां उस सोमवार तक शाम मशाल मार्च मंगलवार को खैरागढ़ बंद का भी आयोजन किया गया था। खैरागढ़ के नागरिक आईटी विश्वविद्यालय की ओर से इसे समाप्त करने की सलाह दी जा रही है।
राजधानी निवासी डॉ.मोक्षदा चंद्राकर ने अपनी सुविधा के लिए एक भी आरोप लगाना शुरू कर दिया है। इस कदम को लेकर खैरागढ़ में राजनीति भी शुरू हो गई थी। इसके विरोध को और तेज़ करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बन गए थे, जो पदधारी कांग्रेस के लिए चुनौती स्वीकार करने जा रहे थे। विश्विद्यालय प्रशासन ने सरकार और सीएम विश्विद्यालय के नुकसान को देखते हुए।
जनभावेन सर्वोपरि:बचैला
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विधायक से बातचीत में कहा कि खैरागढ़ विश्वविद्यालय के ललित कलाओं के संरक्षण और विस्तार के लिए हमारा सबसे बड़ा खदान है और खुशी की बात यह है कि खैरागढ़ की जनता के बीच इस तालाब से बहुत दोस्ती है। शासन द्वारा कोई भी ऐसा निर्णय नहीं लिया जाएगा जिससे खैरागढ़ की जनता थोड़ी भी हैरान हो जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनभावनाएं सर्वपरि हैं। खैरागढ़ की जनता रायपुर के छात्र छात्र केंद्र में छात्र कोर्स शुरू करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उनकी संतुष्टि हमारी पहली विशेषता है। रायपुर के ऑफ-कॉलेज स्टूडेंट सेंटर में प्रस्तावित उम्मीदवार कोर्स की शुरूआत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खैरागढ़ संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के सतत विकास के लिए कार्य कर रही है और यहां हर संभव दवाओं के लिए कार्य कर रही है।