छत्तीसगढ़ में 39 हजार बच्चों की मौत पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने स्मरण पत्र लिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 39 हजार से अधिक बच्चों की मौत के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नोट लिया है, राज्य के मुख्य सचिव ने 7 दिन की रिपोर्ट में आरोपियों की जांच के निर्देश दिए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष न्यूनतम अरुण साव के नेतृत्व में भाजपा कम्युनिस्टों ने राज्य में कांग्रेस राज में 39 हजार से अधिक मृतकों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से कार्रवाई की मांग की थी। बता दें कि छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष के नेतृत्व में न्यूनतम विजय बिगुल, बौद्ध साय, गुलाराम अजगल्ले ने आयोग को वास्तविक शिकायत दी थी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साव ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में जनवरी 2019 से जून 2023 तक 0 से 5 वर्ष के बच्चों की मृत्यु का चित्र 39267 है। यह अत्यंत निजीकरण विषय है। इस दस्तावेज़ से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में पूर्ण विफल रही है। इसी वजह से इतने बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह से विफल रही है। इतनी बड़ी संख्या में प्लास्टिक की धूल कांग्रेस की भोला सरकार है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष से आग्रह किया है कि इस अत्यंत गंभीर विषय को ध्यान में रखते हुए नवजात बच्चों की मृत्यु की औपचारिक जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। आयोग ने मामले की चयन को देखते हुए इसे बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13 (1)(जे) के तहत मानक में लिया गया है।

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