कोल इंडिया: निजी कंपनियों के लिए उत्पादन बढ़ाने का समझौता जारी है

बिलासपुर। देश में रेलवे स्टेशन की सप्लाई को पूरा करने के लिए कोल इंडिया प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर एमडीओ मूड पर सहमति बना रही है। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एससीसीएल ने रायगढ़ क्षेत्र में स्थित पेलमा ओपन माउंटेन के संचालन के लिए अदानी समूह की कंपनी पेलमा कोलियरी के साथ एकाग्र पर हस्ताक्षर किए। एकांकी के अनुसार, पेलमा कोलियरीज अगले 20 वर्षों तक खनन का संचालन करेगी, जिसके तहत इस परियोजना की डिजाइनिंग, फाइनेंसिंग, प्रोक्योर्मेंट, निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव से जुड़ी सभी इकाइयों की जिम्मेदारी पेलमा कोलियरीज की होगी। 20 वर्ष की अवधि के दौरान खनन से कुल 219 मिलियन टन से अधिक उच्च गुणवत्ता वाला जी -12 ग्रेड का कोयला प्रस्थान। जिसमें एक वर्ष में मुख्यतः 15 मिलियन टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है।

इसी तरह बिश्रामपुर क्षेत्र की केतकी यूजी को एमडीओ (खदान और उद्योगपति) कोयला उत्पादन करने वाली कोलइंडिया की पहली खदान का गौरव मिला है। वहीं भटगांव क्षेत्र की कल्याणी यूजी मेन को रेवन्यू शेयरिंग मॉडल पर एमडीओ के ऑपरेशन प्रोजेक्ट के रूप में ‘लेटर ऑफ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है।

एमडीओ क्या है?

डीसीसी सीएल के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. सनीश चन्द्र की एमडीओ (माइन स्टॉक एक्सचेंज) संकल्प मॉड खनन ऑपरेशन की एक नई योजना है, जिसके तहत सरकारी और निजी निगम देश के कोयला ऊर्जा प्रतिभागियों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करेंगे। इससे एससीसीएल को कोयला उत्पादन विस्तार में मदद मिलेगी और यह योजना कोल इंडिया के 1 औद्योगिक टन उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगी।

ऐसा कहा जाता है कि पूर्व सरकार द्वारा कई निजी और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से कोल ब्लॉक का ऑपरेशन किया गया था। ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोयला खदानों का मालिक एसईसीएल होगा मगर खदानों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी। उद्योगपति का कहना है कि ऐसा करके कोल इंडिया धीरे-धीरे-धीरे-धीरे बाजार की ओर बढ़ रही है।

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