कलेक्टर ने कहा- जातीय, धार्मिक विषयों को बेचकर करें चुनाव प्रचार

रायपुर। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा है कि सभी राजनीतिक एवं संसदीय क्षेत्र के डाकुओं के लिए आदर्श आचरण संहिता की समीक्षा करना आवश्यक है तथा आदर्श आचरण संहिता के तहत दिए गए दिशा-निर्देश एवं निर्देश के संबंध में ही निर्वाचन संबंधी सभी अभिलेखों की समीक्षा करना आवश्यक है। की जाननी चाहिए। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 2023 के सन्दर्भ में आज कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ भूरे द्वारा विभिन्न राजनीतिक आश्रमों की बैठक कलेक्टोरेट परिसर में स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में ली गई। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल भी उपस्थित थे |

3 से अधिक सामुदायिक स्वामित्व नहीं

बैठक के दौरान प्रशासन ने आदर्श आचरण संहिता के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई और संहिता का आवश्यक रूप से पालन करने की व्यवस्था की। रजिस्ट्रार डॉ. भूरे ने कहा कि नामांकन के समय किसी भी तरह की चिंता और उनकी बोली के तीन से अधिक वाहन आरओ/टेरियो कार्यालय के 100 मीटर के अंदर नहीं आएंगे। मतदान दिवस के लिए केवल तीन सोसायटी के ऑपरेशन की मात्रा होगी-एक स्वयं के लिए एक इलेक्ट्रोलेक्टर अभिकर्ता के लिए और एक सोसायटी के लिए। इन सामुहिक संघ के लिए सामुहिक पत्र एआरओ जारी करेंगे और यह सामुहिक पत्र सामुहिक के सामने झलक पर चित्रित किया जाएगा। प्रचार में लगे वाहन किसी भी स्थिति में तीन से अधिक कारों में नहीं चलेंगे।

धार्मिक स्थल या संस्थान का प्रचार में उपयोग नहीं

डॉ. ग्रे ने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल एवं सहयोगियों को जातीय, धार्मिक विषयों से बचकर अपना प्रचार-प्रसार करना चाहिए। वोट के लिए अपील करें कि समय पर धार्मिक स्थलों या संस्थानों का उपयोग न किया जाए। कोई दल या संशय स्वयं किसी की निजी संपत्ति पर (भवन, भूमि या परिसर), झंडे, पोस्टर बैनर आदि उसके पूर्वअनुमति के बिना नहीं प्लॉटगा और न ही अपने समर्थकों को ऐसा करने दें।

विभिन्न मिलन पर ही मार्च रैली का आयोजन

कलेक्टर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स के बीच में सक्षम इंटरफ़ेस प्राप्त कर ही मार्च, रैली एवं सभा का आयोजन किया जाए। उन्होंने बताया कि सभा आदि के आयोजनों में जाने वाले होटल, कुर्सी, माइक, पंडाल और अन्य सामान्य लोगों की संख्या के बारे में आवश्यक जानकारी के अनुसार, सभा आदि के आयोजनों की दिशा निर्धारित की जानी चाहिए। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

कानून अपने हाथ में न लें

उन्होंने कहा कि मार्च आदि के दौरान अगर कोई व्यक्ति घुसपैठ करता है तो राजनीतिक दल स्वयं उस पर कार्रवाई नहीं कर सकता है और अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता है, इसकी सूचना पुलिस को दे सकता है, साथ ही मार्च के दौरान उपस्थित पुलिस बल इस पर चर्चा कर सकता है। ।। विचारधारा या सभा के आयोजन के पूर्व स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाएगा। यदि कोई उनके सैद्धांतिक प्रावधान लागू नहीं हो तो उन्हें लागू किया जाए, यदि परीक्षक उन्हें छूट दे तो स्वायत्त समय के लिए आवेदन किया जाए। यदि ऐसी सभा या जुलूस में ध्वनि विस्तारक आदि का उपयोग किया जाना हो तो उसकी अनुमति ली जाए। इस अवसर पर उप-इलेक्ट्रॉनिक अधिकारी गजेंद्र ठाकुर, अनुभवी देवेन्द्र पटेल, मास्टर ट्रेनर संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।