इस विधानसभा क्षेत्र में जब मिले बीजेपी और कांग्रेस पार्टी

रायपुर।। उत्तर प्रदेश में अखिरकार कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष जुनेजा को तीसरी बार चुनाव लड़ने का फैसला सुनाया है। वहीं बीजेपी ने यहां से पुरंदर मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है. धीरे-धीरे अब यहां का चुनाव हाईवोल्टेज हो रहा है। दोनों उद्योगपति निकल पड़े हैं। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई और फिर दोनों के बीच हुई हल्की-फुल्की बातचीत से लोगों को काफी खुशी मिली।

सत्य शांतिनगर के भंडारे में अलाउद्दीन जुनेजा और भाजपा चिंता पुरंदर मिश्रा का आमना-सामना हुआ। इसी दौरान पुरंदर ने मुलायम फुल्के अंदाज में जुनेजा के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि आप मोपेड पर घूमते हैं मैं रिक्शे में घूमकर प्रचार करूंगा। देेदे कि 2008 में साभार में आई रायपुर उत्तर क्षेत्र सीट पर कांग्रेस का कहना है कि यह शुरू हो गया है।

भंडारा में बचे हुए जुनेजा

शांतिनगर राम मंदिर में दोपहर करीब 3.15 बजे भंडारा चल रहा था। भक्तों की पंगत भंडारा खा रही है। यहां कांग्रेस के विधायक प्रतिनिधि जुनेजा समर्थकों को भंडारा बनाए हुए थे। कुछ देर बाद भंडारा बंगले के वे जैसे ही पंगत से बाहर आ रहे थे, मंदिर के बरामदे वाले हिस्सों से भंडारा ग्रहण कर भाजपा जिज्ञासा पुरंदर मिश्रा बाहर निकले।

जुनेजा को देखते ही पुरंदर ने बधाई देते हुए कहा- आपकी टिकटें पक्की हो गईं। चलो बधाई, जीत हार तो रहती है। फिर उनके बीच दशहरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई। जुनेजा बोले मैं तो मंच पर नहीं चढ़ूंगा, पुरंदर मैं भी नीचे ही बोलूंगा। उसके बाद दोनों ने एक दूसरे से पूछा किधर जा रहे हैं? पुरंदर बोले मैं तो जवाहरनगर फोकट पर जा रहा हूं। फिर विधायक ने अपनी मोपेड और पीए को असिस्टकर सबसे विदा ली। उनके जाने के बाद पुरंदर भी अपनी गाड़ी में सवार होकर गाड़ी के साथ निकल गए। दोनों ने एक दूसरे से कहा- प्लीज बनी रहिए. इस दौरान लोगों ने ये वाकये की तस्वीरें फटाफट अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लीं।

इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बाद इस सीट पर पहली बार कांग्रेस की विचारधारा ने जीत हासिल की। उस समय अलाउद्दीन खिलजी को ही स्पीच बनाया गया था। 2013 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। भाजपा के उम्मीदवार श्रीचंद सुंदरानी ने कांग्रेस नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन 2018 में फिर से जुनेजा इस सीट से चुने गए। कांग्रेस ने चौथी बार फिर से निर्भीकता पर भरोसा किया। हालाँकि कांग्रेस की ओर से जारी पहली दो सूची में उत्तर विधानसभा का दावा घोषित नहीं किया गया था। इस दौरान कई नाम सामने आये लेकिन अंत में: टिकट जुनेजा को ही दिया गया।