झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तुलना ‘चूहों’ से की और भाजपा तथा आरएसएस दोनों पर महज वोट के लिए राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
साहिबगंज के भोगनाडीह में एक रैली के दौरान सोरेन ने भाजपा पर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, उन्होंने विशेष रूप से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भूमिका पर उंगली उठाई। सोरेन ने उस समय झारखंड में असम के सीएम की भागीदारी पर सवाल उठाया, जब ‘उनके अपने राज्य में आदिवासी अत्याचारों का सामना कर रहे हैं।’
उन्होंने रांची से वर्चुअली बोलते हुए कहा, “आरएसएस राज्य पर चूहों की तरह आक्रमण कर रहा है और इसे नष्ट कर रहा है। जब आप उन्हें ‘हंडिया’ और ‘दारू’ (स्थानीय रूप से बनाई गई शराब) के साथ अपने गांवों में प्रवेश करते देखें तो ऐसी ताकतों को भगा दें। वे राजनीतिक लाभ के लिए चुनाव से पहले सांप्रदायिक अशांति और तनाव पैदा करना चाहते हैं।”
झारखंड के सीएम ने दावा किया कि बीजेपी जानबूझकर समुदायों के बीच दुश्मनी भड़का रही है। उन्होंने मंदिरों और मस्जिदों में मांस फेंकने जैसी कुछ प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के हाल ही में दलबदल की ओर इशारा करते हुए हेमंत सोरेन ने भाजपा को व्यापारियों और उद्योगपतियों की पार्टी करार दिया और दावा किया कि यह पार्टी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक नेताओं को खरीदती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झामुमो सरकार द्वारा लागू की गई विकास पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछली भाजपा सरकार ने राज्य में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को केवल 600 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसके विपरीत, सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने बैंक ऋण लिंकेज के माध्यम से केवल चार वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिली है।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, क्योंकि 81 सीटों वाली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)