सूरत के सैयदपुरा इलाके में गणेश पंडाल पर पत्थर फेंके जाने की घटना के बाद तनाव फैल गया, जिससे सांप्रदायिक अशांति फैल गई। स्थानीय पुलिस ने उपद्रव में शामिल 27 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें छह नाबालिग शामिल हैं।
सोमवार की सुबह, कथित तौर पर नाबालिगों ने सैयदपुरा में एक गणेश पंडाल पर पत्थर फेंके, जिससे स्थानीय समुदाय में आक्रोश फैल गया। घटना के बाद, बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और अपराधियों के खिलाफ़ त्वरित कार्रवाई की मांग की। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
गुजरात के गृह मंत्री और स्थानीय नेताओं का हस्तक्षेप
बढ़ते तनाव को कम करने के लिए गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने स्थानीय भाजपा विधायक कांति बलार के साथ सुबह करीब 2:30 बजे प्रभावित इलाके का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय समुदाय से मुलाकात की और शांति बनाए रखने की अपील की। संघवी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सांघवी ने स्थिति पर जनता को अपडेट किया: “जैसा कि वादा किया गया था, हमने सूर्योदय से पहले पत्थरबाज़ों को गिरफ़्तार कर लिया है। हमारी टीमें रात भर काम करती रहीं, और निगरानी फुटेज की समीक्षा करते हुए और भी गिरफ़्तारियाँ होने की उम्मीद है।”
पुलिस प्रतिक्रिया और गिरफ्तारियां
सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम गहलोत ने स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पुष्टि की कि पत्थरबाजी में शामिल नाबालिगों को हिरासत में लेने के लिए तत्काल कदम उठाए गए। उन्होंने कहा, “स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को तुरंत तैनात किया गया। हमने लाठीचार्ज किया और जहां आवश्यक हुआ, आंसू गैस का इस्तेमाल किया।” उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए इलाके में करीब 1,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कुल 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ पर पत्थरबाजी के लिए उकसाने का आरोप है।