विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जिसे पड़ोसियों से चुनौती न हो। डॉ. जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी हमेशा एक पहेली होते हैं। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए जयशंकर ने बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान और अफगानिस्तान तथा बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच भारत के साथ उनके संबंधों पर अपनी राय रखी।
जयशंकर ने कहा, “अगर हम पहेली को देखें तो दुनिया के हर देश के लिए पड़ोसी हमेशा पहेली बने रहते हैं। क्योंकि पड़ोसी रिश्ते दुनिया के हर देश के लिए सबसे बड़ी मुश्किल होते हैं। उन्हें कभी सुलझाया नहीं जा सकता। ये रिश्ते लगातार चलते रहते हैं और हमेशा समस्याएं पैदा करते हैं। मुझे बताइए कि ऐसा कौन सा देश है जिसके पड़ोसियों के साथ चुनौतियां नहीं हैं।”
‘पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता का युग समाप्त’: जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मुक्त वार्ता का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता का युग समाप्त हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है। इसलिए, मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं… मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में हों, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।”
‘मालदीव के साथ संबंधों में निरंतरता का अभाव’: जयशंकर
मालदीव के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “मालदीव के प्रति हमारे दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहे हैं…यहां एक निश्चित स्थिरता की कमी है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें हम बहुत गहराई से निवेशित हैं और मालदीव में यह मान्यता है कि यह रिश्ता एक स्थिर शक्ति है, जब वे आर्थिक चुनौतियों के मामले में अपनी संभावनाओं को लेकर अशांत जल में जा रहे हैं।”