कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चौंकाने वाले विवरण का खुलासा किया है। मुख्य आरोपी संजय रॉय ने रविवार को आयोजित पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान कथित तौर पर अपराध कबूल कर लिया।
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान कबूलनामा
झूठ पकड़ने वाले परीक्षण के दौरान, संजय रॉय ने दुखद घटना से कुछ घंटे पहले एक दोस्त के साथ रेड-लाइट एरिया में जाने की बात स्वीकार की। हालाँकि उसने वहाँ यौन गतिविधियों में शामिल न होने का दावा किया, लेकिन उसने उस रात बाद में सड़क पर एक अन्य महिला से छेड़छाड़ करने की बात कबूल की। रिपोर्ट के अनुसार, रॉय ने उसी दौरान अपनी गर्लफ्रेंड को वीडियो कॉल करके उससे नग्न तस्वीरें भी माँगी।
अपराध की रात, रॉय और उसके दोस्त ने शराब पी और फिर दो रेड-लाइट इलाकों में चले गए- एक उत्तरी कोलकाता में और दूसरा दक्षिण कोलकाता के चेतला में। चेतला जाते समय उन्होंने कथित तौर पर सड़क पर एक महिला से छेड़छाड़ की। अस्पताल लौटने के बाद, रॉय सुबह करीब 4:03 बजे सेमिनार हॉल के पास गलियारे में गया, जहाँ उसने कथित तौर पर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी।
अपराध के बाद की कार्रवाई और भ्रामक पॉलीग्राफ परिणाम
कथित अपराध को अंजाम देने के बाद, संजय रॉय कथित तौर पर अपने दोस्त, पुलिस अधिकारी अनुपम दत्ता के घर गया। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान, मशीन ने रॉय के कई जवाबों को भ्रामक बताया, जिससे उसकी संलिप्तता के बारे में और संदेह पैदा हो गया। सीबीआई ने रॉय का मनोविश्लेषणात्मक प्रोफाइल भी तैयार किया है, जिसमें पोर्नोग्राफी की गंभीर लत का खुलासा हुआ है, साथ ही उसके फोन पर कई अश्लील क्लिप भी मिली हैं।
चल रही जांच
पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस की देरी से प्रतिक्रिया पर चिंता जताई थी और सवाल किया था कि एफआईआर दर्ज करने में 12 घंटे से ज़्यादा का समय क्यों लगा। कोर्ट ने डॉ. घोष द्वारा आत्महत्या के तौर पर अपराध को छिपाने के कथित प्रयासों पर भी ध्यान दिया। इसके अलावा, सीबीआई डॉ. घोष से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।