पश्चिम बंगाल में शनिवार को स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, क्योंकि डॉक्टर अपने जूनियर सहकर्मियों के साथ हड़ताल पर चले गए। वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मेडिकल प्रोफेशनल के साथ बलात्कार और हत्या के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों में सेवाएं प्रभावित रहीं।
आठ दिन पहले जूनियर डॉक्टरों द्वारा शुरू किए गए प्रदर्शनों में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर देश भर के वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवरों ने हिस्सा लिया। जन आक्रोश तब शुरू हुआ जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या कर दी गई।
एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारी मांगें पूरी करवाने का यही एकमात्र तरीका है। पुलिस की मौजूदगी में भी लोग अस्पताल के अंदर कैसे घुसकर हम पर हमला कर सकते हैं? हम तोड़फोड़ के असली मकसद को समझ सकते हैं।”
एसएसकेएम अस्पताल, शंभुनाथ पंडित अस्पताल और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित प्रमुख सरकारी अस्पतालों में गैर-आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं चल रहे आंदोलन के कारण बुरी तरह से बाधित रहीं। राज्य भर में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
मणिपाल हॉस्पिटल्स ने आईएमए के आह्वान पर नियमित ओपीडी सेवाएं स्थगित करने की घोषणा की।
पिछले हफ़्ते आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी के दौरान 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। 15 अगस्त की सुबह इस क्रूर घटना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने अस्पताल के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की।