कहते हैं कि हार का सामना करने के बाद जीतने वाले ही असली विजेता होते हैं। ऐसी ही कहानी है हरियाणा के विजय वर्धन की। सरकारी नौकरी की कोई परीक्षा पास न कर पाने के बावजूद उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी पास कर ली। कई बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हौसला बनाए रखा और सफलता पाने के लिए डटे रहे। उन्हें खुद पर भरोसा था और उनकी लगन रंग लाई। आज वे आईएएस अधिकारी हैं।
सरकारी नौकरी की परीक्षा में 35 असफलताएँ
आईएएस अधिकारी विजय वर्धन का जन्म और पालन-पोषण हरियाणा के सिरसा में हुआ। उन्होंने हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। विजय को हर परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा। उन्होंने 35 बार सरकारी नौकरी की परीक्षा दी, लेकिन एक भी पास नहीं कर पाए। यूपीएससी परीक्षा में भी उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनका आशावादी होना उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता रहा। आखिरकार, 2018 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और 104वीं रैंक हासिल की।
यूपीएससी में दो बार सफलता
2018 में विजय वर्धन ने यूपीएससी परीक्षा में 104वीं रैंक हासिल की, जिसके कारण उनका चयन आईपीएस अधिकारी के रूप में हुआ। हालाँकि, वे संतुष्ट नहीं थे क्योंकि उनका अंतिम लक्ष्य आईएएस अधिकारी बनना था। इससे निराश होकर उन्होंने 2021 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और शीर्ष 70 में स्थान बनाकर आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को सफलतापूर्वक हासिल किया। विजय वर्धन ने 2018 और 2021 में दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की।
संरक्षण की कहानी
विजय वर्धन की कहानी सच्ची दृढ़ता की कहानी है, जो दर्शाती है कि असफलताएँ सफलता की सीढ़ियाँ हैं। बार-बार असफल होने से लेकर अपने सपने को पूरा करने तक का उनका सफ़र सभी के लिए प्रेरणा का एक शक्तिशाली स्रोत है।