भाजपा शासित राज्य मदरसों के कामकाज के नियमों को और सख्त कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 56 मदरसों को बंद करने का आदेश दिया है, क्योंकि उसे पता चला है कि ये मदरसे सरकार से पैसे ठगने के लिए बनाए गए थे। मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द करने के आदेश के बाद राज्य सरकार ने अब जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, ये मदरसे चल नहीं रहे थे, लेकिन सरकार से इन्हें वित्तीय सहायता मिल रही थी। जिले में 80 से ज़्यादा मदरसे चल रहे थे, जिनमें से 53-54 स्कूल कई महीनों से बंद थे। सरकार ने पहले तो सात महीने पहले इन संस्थानों को वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया और अब आधिकारिक तौर पर इन संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया है।
इसके बाद मदरसों के कामकाज का पता लगाने के लिए पूरे प्रदेश में जांच शुरू कर दी गई। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा, “मध्य प्रदेश में संचालित सभी सरकारी-निजी शिक्षण संस्थानों और मदरसों की जांच की जा रही है। हम हर बिंदु पर जांच कर रहे हैं और देख रहे हैं कि कहां नियमों का उल्लंघन हुआ है। अगर कोई अनियमितता हुई है तो हम कार्रवाई भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी करेंगे।”
सचिव मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने बताया कि प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मैदानी अमले से अपने क्षेत्र में संचालित मदरसों का भौतिक निरीक्षण करवाएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों का मैदानी अमले के साथ नियमित निरीक्षण करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में संचालित मदरसों के भौतिक सत्यापन में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो मदरसे नियमानुसार संचालित नहीं हो रहे हैं, उनकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाए।