उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लव जिहाद कानून में अहम बदलाव करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2024 को विधानसभा में पेश किया है, जिसमें दोषियों को आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक में इस कानून के तहत अवैध धर्म परिवर्तन के लिए धन मुहैया कराना भी अपराध बनाने का प्रस्ताव है।
उत्तर प्रदेश के गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 में 1 से 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान था। इस अधिनियम के तहत, सिर्फ़ शादी के उद्देश्य से किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाता है। छल-कपट या झूठ बोलकर किया गया धर्म परिवर्तन भी अपराध माना जाता है। स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के लिए, व्यक्तियों को मजिस्ट्रेट को दो महीने पहले सूचित करना होगा।
अधिनियम के अनुसार, जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 1 से 5 साल की जेल की सजा और 15,000 रुपये का जुर्माना होगा। यदि ऐसी कार्रवाइयों में नाबालिग, महिला या एससी-एसटी समुदाय के सदस्य शामिल हैं, तो सजा बढ़कर 3 से 10 साल की जेल और 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकती है। अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि धर्म परिवर्तन करने के इच्छुक व्यक्तियों को दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को एक निर्धारित फॉर्म भरकर सूचित करना होगा। इसका पालन न करने पर 6 महीने से 3 साल की जेल और न्यूनतम 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों में लव जिहाद और धर्मांतरण एक गर्म विषय रहा है।