पूर्वी भारत के विकास को नई दिशा देने के लिए मोदी सरकार ने ‘पूर्वोदय’ नामक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि ये राज्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हैं और इनकी सांस्कृतिक विरासत भी मजबूत है। इसके बावजूद इन राज्यों में विकास अपेक्षाकृत धीमा रहा है। ‘पूर्वोदय’ योजना का उद्देश्य इन राज्यों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें ‘विकसित भारत’ का हिस्सा बनाना है।
पूर्वोदय योजना का उद्देश्य और प्रमुख तत्व
पूर्वोदय योजना का मुख्य लक्ष्य पूर्वी भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देना है। इस योजना में मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे का निर्माण और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल है। सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में निवेश और विकास पूरे देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
बुनियादी ढांचे का विकास
पूर्वोदय योजना के तहत राजमार्ग, जल परियोजनाएं और बिजली परियोजनाओं जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह योजना पूर्वी क्षेत्र के विकास में नई ऊर्जा और गति का संचार करेगी। इन परियोजनाओं से न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
मानव संसाधन विकास
मानव संसाधन विकास पूर्वोदय योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस योजना से इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
आर्थिक अवसरों का सृजन
पूर्वोदय योजना में आर्थिक अवसरों के सृजन पर भी जोर दिया गया है। इसमें उद्योगों की स्थापना, कृषि विकास और पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह योजना इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी, जो एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इन पांच राज्यों को चुनने के लिए किन मानदंडों का इस्तेमाल किया गया। इस योजना को सफल बनाने में सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय महत्वपूर्ण होगा।
पूर्वोदय योजना को जनता और विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ लोग इसे पूर्वी भारत के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे चुनावी रणनीति के रूप में देखते हैं।