Morena News: टोंगा तालाब टूटने के बाद जुड़ा नहीं, गांवों में भी बाढ़ के बाद जनजीवन हुआ नारकीय

घरों के सामने खाली जगह में भरा तालाब का पानी

HighLights

खेतों व खाली जगहों पर अभी भी जलभरावगांवों की सड़के बनी है दलदल बारिश के कारण प्रशासन मेडिकल कैंप लगाने पर कर रहा अभी विचार

नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना-सबलगढ़। टोंगा पंचायत का 140 साल पुराना तालाब फूटा तो लाखों लीटर पानी भरभरा कर आधा दर्जन गांवों में घुस गया। जिसकी वजह से यहां बाढ़ के हालात बन गए। एक तालाब के फूटे हुए एक सप्ताह का समय बीत गया है, लेकिन इन गांवों में जलभराव की स्थिति अभी भी बनी हुई है।

जिसकी वजह से बाढ़ की वजह से अब यहां कई तरह की समस्याएं ग्रामीणों व सबलगढ़ शहर के कुछ हिस्सों में बनने लगी है। सड़कें दलदली हो गई है और खाली जगहों में आकर पानी जमा हो गया है। जिसकी वजह से बीमारियां फैलने का खतरा बन गया है। बाढ़ के बाद दी जाने वाली राहत व स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अभी तक काम चालू नहीं हो सका है।

उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पूर्व सोमवार की शाम को टोंगा का पुराना तालाब अचानक फूट गया। जिससे लाखों लीटर पानी तेजी के साथ बाहर निकाला और आधा दर्जन गांवों सहित सबलगढ़ की गौड कालोनी व अन्य इलाकों में पहुंच गया। तालाब से तेजी से पानी निकला तो इसे डायवर्ट करने के लिए प्रशासन ने बुद्धपुरा के पास नहर की दीवार को तोड़कर पानी को मोड़ा।

जिससे घरों में पानी भरने से तो बच गया, लेेकिन टोंगा, बद्धपुरा, रानीपुरा, देवपुर माफी सहित अन्य गांवों में आकर भर गया। कई इलाकों में तो तीन से चार फीट पानी आकर भर गया। जिससे गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। पानी डायवर्ट होने के बाद धीरे-धीरे निकला, लेकिन गांवों से पूरी तरह से बाहर नहीं निकल सका। जिसकी वजह से एक सप्ताह बाद भी गांवों में बाढ़ के बाद बनने वाले हालात बने हुए हैं।

गांवों में कई इलाकों में जलभराव है, सबलगढ़ की गौड कालोनी, पेट्रोल पंप इलाका क्षेत्र में पानी अभी भी भरा हुआ है, लेकिन बाढ़ के बाद जो राहत इलाकों को पहुंचाई जानी चाहिए थी, वह कहीं नहीं पहुंचाई गई। कीचड़ व दलदल की वजह से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं जलभराव होने से बीमारियां फैलने का खतरा भी यहां बढ़ा हुआ है। इसके बावजूद कहीं कोई विशेष राहत कार्य नहीं कराया गया है। जिससे लोग नारकीय स्थिति में रहने को मजबूर हो रहे हैं।

हैंडपंप व बोरों से आ रहा है गंदा पानी

गांवों में तालाब फूटने से गांवों में पानी आकर भरा तो इसकी वजह से कई तरह की परेशानियां खड़ी हो गई। खाली प्लाट व खेतों में घरों के आस पास पानी भरा हुआ है। दूसरा जो हैंडपंप, बोर है जिनसे पानी की सप्लाई होती है, उनमें भी गंदा पानी पहुंच रहा है। जिसका उपयोग ग्रामीण व सबलगढ़ से जुड़े क्षेत्र के लोग कर रहे है। जिसकी वजह से बीमारियां फैलने का भी खतरा बना हुआ है।

ऐसे में कुतघान के रहवासी राजेश गौड़ ने बताया कि प्रशासन कई बार यहां राहत के कार्य करने के लिए कहा गया है, लेकिन इलाकों से अभी भी जल निकासी नहीं हो सकी है। लोगों के लिए यह खतरा बनता जा रहा है। बोरों में गंदा पानी आ रहा है। रामपुरा के प्राण सिंह का कहना है कि नाले के आस पास के खेतों की फसलें बर्वाद हो गई हैं। टोंगा के जगमोहन मीणा का कहना है कि पानी की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है, बदबू आ रही है। गांवों में भी स्थिति खराब है।

अभी भी नहीं जुड़ी तालाब की पाल, पानी का निरंतर बहाव

टोंगा तालाब की पाल करीब 18 फीट तक टूट गई थी, जिसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है, हालात जस के तस बने हुए है, वहीं तालाब से इस टूटी पाल से निरंतर पानी का बहाव हो रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने से तालाब में आया पानी इस पाल के जरिए बह रहा है, लेकिन इसकी दिशा को नहर की तरफ मोड़ा गया है, वहीं इससे जुड़े कनेक्टिंग नाले की तरफ मोड़ा गया है, लेकिन यह नाला लगभग 100 फीट चौड़ा था, लेकिन ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर इसे महज 15 फीट का छोड़ा है।

जिसकी वजह से बरसात का पानी भी निकलने में दिक्कत हो रही है। दूसरी तरफ जो फसलों का नुकसान हुआ, उसका भी सर्वे नहीं हो सका है। प्रशासन हालांकि फसलों को नुकसान नहीं मान रहा है, क्यों कि तालाब व नाले के आस पास के खेतों में पानी भरा था, जिसे निकाला गया है।

नाले को जोड़ने के लिए एस्टीमेट बनवाकर भेज दिया गया है, इसके पास होते ही इसे जलसंसाधन विभाग जोड़गा। इलाकों में जलभराव की स्थिति व किसी भी तरह की बीमारी फैलने को लेकर डॉक्टरों की टीम से बात हो गई है, ग्रामीणों के हेल्थ चेकअप के लिए कैंप लगाया जाएगा। – वीरेंद्र कटारे, एसडीएम सबलगढ़।