Monsoon Alert: मध्य प्रदेश में सामान्य से 7 फीसदी ज्यादा बारिश, इंदौर और उज्जैन में लगेगी झड़ी

वर्तमान में मध्य प्रदेश के मध्य एवं उससे लगे दक्षिणी भाग पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है।

HighLights

भोपाल और नर्मदापुरम में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मध्यप्रदेश में चक्रवात और मानसून द्रोणिका सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी न अरब सागर से लगातार आ रही नमी।

नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल । कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़कर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में परिवर्तित हो गया है। वर्तमान में वह मध्य प्रदेश के मध्य एवं दक्षिण क्षेत्र पर सक्रिय है। मानसून द्रोणिका मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सोमवार को इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कई स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। भोपाल, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर 28 जुलाई के सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश में कुल 447.4 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (418.4 मिमी.) की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में मध्य प्रदेश के मध्य एवं उससे लगे दक्षिणी भाग पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका बीकानेर, कोटा, दमोह, पेंड्रारोड, बालासोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। महाराष्ट्र पर विपरीत हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है।

अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी के अलावा अरब सागर से भी लगातार नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। सोमवार को इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में कई स्थानों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं। भोपाल, नर्मदापुरम संभाग में कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। – अजय शुक्ला, पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, मौसम विज्ञान केंद्र

कहां कितनी हुई बारिश

रविवार को सुबह साढ़े 8 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक उज्जैन में 68, इंदौर में 61, बैतूल में 46, जबलपुर में 35, भोपाल में 26, नर्मदापुरम एवं पचमढ़ी में 20, धार में 13, मंडला में 10, मलाजखंड, रायसेन में नौ, खरगोन में आठ, रतलाम, छिंदवाड़ा में चारल दमोह में तीन, सतना एवं गुना में दो, खजुराहो में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।