भोपाल सेंट्रल जेल, जहां बंद हैं सिमी आतंकी (प्रतीकात्मक फोटो)
HighLights
साबरमती जेल से 2013 में सिमी आतंकियों ने की थी भागने की कोशिश। जेल में 20 फीट लंबी सुरंग भी खोद ली थी, तभी उनका राजफाश हो गया। वर्ष 20217 में इन आतंकियों को भोपाल सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।
शशिकांत तिवारी, नईदुनिया: भोपाल। भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी ) के 11 आतंकी गुजरात के साबरमती जेल में रहना चाहते हैं। यह वही जेल हैं, जहां वर्ष 2013 में सिमी का मास्टरमाइंड सफदर नागौरी सहित अन्य आतंकियों ने जेल में सुरंग बनाकर भागने की योजना बनाई थी। लगभग 20 फीट लंबाई तक सुरंग खोद भी डाली थी। इसी बीच पपीता तोड़ने गए जेल के एक सुरक्षाकर्मी को इसकी भनक लग गई। पपीता जहां पर गिरा, वहां सुरंग का एक सिरा था, जिसके ऊपर लोहे की प्लेट रखी हुई थी।
जल्द कोर्ट में सुनवाई
सिमी आतंकियों की शिफ्टिंग के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर 30 सितंबर को गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। वर्ष 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सिमी आतंकियों को साबरमती जेल में बंद रखा गया था। मप्र में भी इनमें कुछ के विरुद्ध अपराध कायम होने के बाद उन्हें साबरमती जेल से 2017 में भोपाल लाया गया था। इनमें सफदर नागौरी भी शामिल था।
चार साल पहले लगाई थी याचिका
इन सभी ने लगभग चार वर्ष पहले अहमदाबाद की विशेष टाडा कोर्ट में याचिका लगाकर खुद को साबरमती जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी। इसके पीछे उनका तर्क था कि वे भोपाल जेल में सुरक्षित नहीं हैं। यहां उन्हें नजरबंद करके रखा जाता है। अंधेरे में रखा जाता है। उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कोर्ट में पेशी पर ले जाने के दौरान उनका एनकाउंटर किया जा सकता है, जिससे उनकी सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल से ही की जाने लगी है। वे जेल में कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।
उनकी याचिका पर टाडा कोर्ट ने उन्हें साबरमती जेल में शिफ्ट करने के आदेश भी दे दिए थे। इस पर रोक के लिए मप्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जहां से आतंकियों की शिफ्टिंग पर स्थगन है। मामले में सुनवाई 30 सितंबर को होने वाली है। बता दें कि इन 11 आतंकियों में नागौरी सहित छह को अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले फरवरी 2022 में फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है, जिस पर आतंकियों ने क्षमा याचिका लगा रखी है।