स्कूल में पढने वाले बच्चे (प्रतीकात्मक चित्र)
HighLights
राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र। स्कूलों में अनमैप्ड स्टूडेंट्स के बारे में मांगी जानकारी।स्टूडेंट्स मैपिंग की प्रगति की समीक्षा करने के भी निर्देश।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के नामांकन में कमी आई है। इससे सरकार चिंतित है, क्योंकि बच्चों के प्रवेश के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा कि वे पिछले वर्ष की तुलना में विद्यार्थियों के नामांकन में आई गिरावट का विश्लेषण करें।
स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा समीक्षा
दरअसल, पिछले वर्ष की तुलना में इतने विद्यार्थियों का पंजीयन कम हुआ है, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग इसकी समीक्षा कर रहा है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर विश्लेषण करने के लिये कहा है। पत्र में कहा गया है कि मैपिंग का का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया में स्कूल के शिक्षकों द्वारा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को स्कूल से अनमैप करके ड्रॉपबॉक्स में भेज दिया गया है। इस वजह से विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट देखने में आ रही है। स्कूल में अनमैप विद्यार्थियों की स्कूलवार और विद्यार्थीवार जानकारी जिले के पास उपलब्ध है। इसकी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी समीक्षा की जा रही है। यह कार्य 31 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। मैपिंग की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। विकासखंड स्तर और जनशिक्षा स्तर से भी अनमैप्ड विद्यार्थियों की मैपिंग का लक्ष्य दिया जाए।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि मैपिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए। पत्र में कहा गया है कि जो विद्यार्थी ड्रॉपबॉक्स में भेज दिए गए हैं, उन्हें राज्य सरकार की निश्शुल्क पाठय-पुस्तक, गणवेश और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
यह है ड्रॉपबॉक्स
ड्रॉपबॉक्स दरअसल एक ऐसा ऑनलाइन बॉक्स है, जो सभी की पहुंच में होता है और जिसमें देशभर में स्कूल से अनमैप्ड स्टूडेंट्स की जानकारी होती है। ऐसे स्टूडेंट्स को खोजने के लिए ऑनलाइन सुविधा है, जिससे शाला से अनमैप्ड स्टूडेंट को ट्रैक कर स्कूल में दर्ज किया जा सके। ड्रॉपबॉक्स स्टूडेंट वे स्टूडेंट होते हैं, जो विगत सत्र में किसी स्कूल में दर्ज थे, लेकिन वर्तमान सत्र में किसी भी स्कूल में दर्ज के रूप में दिखाई नहीं दे रहे हैं। सामान्यत: स्कूल शिक्षक स्टूडेंट्स के प्रोग्रेशन के दौरान स्टूडेंट की जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में बिना जांच-पड़ताल किए स्टूडेंट को ड्रॉपबॉक्स में भेज देते हैं। इससे गफलत की स्थिति बन जाती है।