इंदौर में मालवा मिल की झांकी में हनुमान जी का दृश्य।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अनंत चतुर्दशी पर 17 सितंबर को पूरा शहर रतजगा करेगा। झांकियों का चल समारोह शाम को जेल रोड से निकलना शुरू होगा, लेकिन इसे देखने के लिए दोपहर बाद से ही दुकानों के ओटलों से लेकर छतों पर हजारों लोग अपनी जगह तय कर चुके होंगे।
झांकियों की परंपरा 1923 में सेठ हुकमचंद द्वारा हुकमचंद मिल से शुरू की गई थी, जो आज भी जारी है। इन झांकियों के लिए सैकड़ों कलाकार पिछले 20 दिनों से लगातार काम कर रहे हैं। जहां यह झांकियां आध्यात्मिकता से सराबोर रहेंगी, वहीं आधुनिकता की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार 30 से अधिक झांकियां निकाली जाएंगी।
हुकमचंद मिल – 101वां वर्ष
पहली झांकी – सत्यम-शिवम-सुंदरम पर आधारित है। इसमें कलात्मक रूप से मंदिर बनाए गए हैं।
दूसरी झांकी – कृष्ण जन्मोत्सव पर आधारित है। इसमें नंदबाबा के गांव में कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हुए दिखाया गया है।
तीसरी झांकी – श्रीकृष्ण व इंद्र युद्ध पर आधारित है। इसमें पारिजात वृक्ष, विशाल हाथी पर इंद्र व गरुड़ पर कृष्ण सवार होंगे।
मालवा मिल – 90वां वर्ष
पहली झांकी – सीता स्वयंवर पर आधारित है। इसमें प्रभु श्रीराम माता सीता को हार पहनाते हुए दिखाई देंगे।
दूसरी झांकी – कृष्ण लीला पर आधारित है। इसमें श्रीकृष्ण की बाललीलाओं को प्रदर्शित किया गया है।
तीसरी झांकी – सद्भावना पर आधारित है। इसमें भारत माता के पीछे तिरंगा चक्र घूमते हुए दिखेगा।
होप टेक्सटाइल्स – 75वां वर्ष
पहली झांकी – गणेशजी पर आधारित है। इसमें मां पार्वती द्वारा बाल गणेश को वस्त्र भेंट करते हुए दिखाया गया है।
दूसरी झांकी – शिव तांडव पर आधारित है। इसमें माता सती द्वारा यज्ञाग्नि में दाह करने के बाद शिव का रौद्र रूप दिखाया गया है।
कल्याण मिल – 95वां वर्ष
पहली झांकी – माता कालका द्वारा रक्तबीज का वध और माता दुर्गा की देवों द्वारा आराधना करते दिखाया है।
दूसरी झांकी – राष्ट्रीय विषय एकता-अखंडता, हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए है। दूसरे भाग में हंसी-खुशी से झूलती हुई लाड़ली बहनाओं को दिखाया गया है। अमृत महोत्सव की झलक है।
स्वदेशी मिल – 95वां वर्ष
पहली झांकी – हनुमानजी पर आधारित है। इसमें अहिरावण का वध कर प्रभु राम और लक्ष्मण को छुड़ाते हुए दिखाया गया है।
दूसरी झांकी – मोबाइल पर आधारित है। इसमें मोबाइल के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं।
तीसरी झांकी – कुंभकर्ण पर आधारित है। इसमें छह माह तक लगातार सोने वाले कुंभकर्ण को जगाते हुए दिखाया गया है।
राजकुमार मिल- 89वां वर्ष
पहली झांकी – मोटी-पतलू पर आधारित है। इसमें मोटी-पतलू के अलग-अलग कार्टून हैं।
दूसरी झांकी – वासुकि नाग और गरुड़ युद्ध पर आधारित है। इसमें समुद्र मंथन के लिए वासुकि नाग को ले जाते दिखाया गया है।
आईडीए – 27वां वर्ष
पहली झांकी – विकास पर आधारित है। इसमें स्टार्टअप पार्क, स्वीमिंग पुल, आइएसबीटी, फ्लाईओवर आदि होगा।
दूसरी झांकी – हनुमानजी पर आधारित है। इसमें 25 फीट ऊंचे हनुमानजी संजीवनी बूटी लाते दिखाई देंगे।
तीसरी झांकी – श्रीकृष्ण पर आधारित है। इसमें वह भीष्म पितामह पर प्रहार करते हुए दिखेंगे।
इंदौर नगर निगम – 28वां वर्ष
पहली झांकी – अहिल्या माता की जयंती पर आधारित है। पालकी में अहिल्या माता दर्शन देते हुए दिखेंगी।
दूसरी झांकी – अभिमन्यु पर आधारित रहेगी। इसमें सुरेखा हरण का चित्रण होगा।
तीसरी झांकी – स्वच्छता पर आधारित होगी। इसमें एक पेड़ मां के नाम सहित अन्य योजनाओं की जानकारी होगी।
चौथी झांकी – डिजिटल विषय पर रहेगी। इसमें एप, पोर्टल आदि आनलाइन व्यवस्थाओं की जानकारी होगी।
खजराना मंदिर – 19वां वर्ष
पहली झांकी – गणेशजी पर आधारित है। इसमें गणेशजी अपने माता-पिता की परिक्रमा करते दिखेंगे।
दूसरी झांकी – सौर ऊर्जा पर आधारित है। इसमें सौर ऊर्जा योजना और उसके फायदे के बारे में बताया गया है।