मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार।
HighLights
भोपाल में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में बोले परमार मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा साक्ष्य के रूप में मौजूद है रिकार्ड भाषण में उनहोंने वास्कोडिगामा के भारत आने का वाकया सुनाया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि अभी तक विद्यार्थियों को गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी, जबकि अमेरिका की खोज हमारे पूर्वजों ने की थी। इसका रिकार्ड आज भी मौजूद है। ऐसे ही भारत की खोज वास्कोडिगामा ने नहीं की थी। यह बात परमार ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय(बीयू) के दीक्षा समारोह के दौरान कही।
वास्कोडिगामा ऐसे आया था भारत
उन्होंने वास्कोडिगामा के भारत आने की घटना बताते हुए कहा कि हमारे देश का एक नाविक चंदन व्यापार करने अफ्रीका के जंजीबार गया था। वहां के बंदरगाह पर वास्कोडिगामा ने अपने दुभाषिये के माध्यम से उससे कहा कि मुझे भारत देखना है। चंदन ने कहा कि मैं जाने वाला हूं मेरे जहाज के पीछे-पीछे अपना जहाज लेकर आ जाएं। असल में भारत की खोज चंदन नामक व्यापारी ने की थी। वास्कोडिगामा ने खुद लिखा है कि व्यापारी चंदन का जहाज उसके जहाज के आगे-आगे चल रहा था।
ऑनलाइन मार्कशीट और डिग्री देने वाला देश का पहला विवि बना बीयू
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है, जो विद्यार्थियों को ऑनलाइन अंकसूची और डिग्री प्रदान करेगा। कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में मंगलवार को आयोजित दीक्षा समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डिजिटल मार्कशीट और डिग्री वितरण प्रणाली का शुभारंभ किया। इस दौरान छात्रा तनु गुलाटी को डिग्री और अनुपमा कुजूर को पीएचडी की उपाधि डिजिटल स्वरूप में प्रदान की गई। दीक्षा समारोह में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष डिजिटल मार्कशीट एवं डिग्री प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीक्षा समारोह विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन से दीक्षित होने के बाद संसार से जुड़ने का महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस दौरान कुल 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 94 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।