गजानंद परिहार को दोस्तों ने ही मार दिया। फाइल फोटो
HighLights
गजानंद परिहार 24 अगस्त को अपने घर से निकला था।उसका कैफे संचालक से 4;50 लाख रुपयों का लेनदेन था।पूछताछ में कैफे संचालक ने बताया हत्या की बात स्वीकारी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (Indore News)। इंदौर की पुलक सिटी (सिलिकान सिटी) से पांच दिन पूर्व लापता हुए युवक के दोस्तों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दोस्तों ने युवक की गला घोंटकर हत्या करना स्वीकार किया है। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। युवक का कैफे संचालक से साढ़े चार लाख रुपयों का लेनदेन था। पुलिस जिस शव की तलाश कर रही थी वह बड़वानी क्षेत्र में पुलिस को मिला था और बड़वानी पुलिस ने लावारिस समझकर उसे दफना दिया था।
बुधवार रात पुलिस ने फोटो मंगवाए तो शव की शिनाख्त हुई। राऊ पुलिस के मुताबिक पान-गुटखा दुकान संचालक गजानंद परिहार 25 वर्ष 24 अगस्त को घर से निकला था। शाम तक घर नहीं लौटने पर पत्नी संदल सोलंकी ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। काल डिटेल (सीडीआर) और सीसीटीवी फुटेज में गजानंद आखिरी बार आशीष पंवार के साथ नजर आया।
आशीष के दो और दोस्तों को हिरासत में लिया
आशीष का राजेंद्रनगर क्षेत्र में कैफे है। बुधवार को पुलिस ने आशीष को हिरासत में ले लिया। सख्ती करने पर उसने बताया कि गजानंद की गला घोंटकर हत्या कर चुका है। उसके साथ तीन दोस्त भी थे। पुलिस ने आशीष, राहुल, धीरज को हिरासत में ले लिया।
आरोपित पुलिस को गुमराह करते रहे। उन्होंने पुलिस को बताया कि गजानंद का शव मानपुर और खलघाट के बीच में फेंका है। एसीपी रुबिना मिजवानी के मुताबिक आरोपित शातिर है। वह पहले पुलिस को गुमराह कर रहा था। बाद में उसने मारना बताया। उधर बड़वानी थानांतर्गत राजपुर पुलिस को गजानंद का शव मिला था। उसे पीएम करवाकर लावारिस समझकर दफना दिया था।
मोबाइल फेंककर पुलिस को गुमराह कर रहे थे आरोपित
पुलिस के मुताबिक आरोपित आशीष से गजानंद का रुपयों का लेनदेन था। गजानंद घर से रुपये लेने का बोलकर निकला था। रास्ते में आशीष मिला और जयपुर का बोलकर कार में बैठा लिया। उसके तीन दोस्त भी साथ में थे।
पुलिस ने कार के फुटेज निकाले तो आशीष की कार महू टोलनाका से जाते हुए दिख गई। आरोपितों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास भी किया। साजिश के तहत गजानंद का मोबाइल दूसरी जगह फेंक दिया था। गजानंद का मोबाइल इंटरसिटी एक्सप्रेस में भवानीपुर के समीप मिला था। ट्रेन के स्टाफ ने इसे जीआरपी को जमा करवाया था।