माउंट किलिमंजारों के शिखर पर वरुण वडेरिया दाएं पीली ड्रेस में।
HighLights
माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई में योगा व प्राणायाम का मिला फायदा।माउंट किलिमंजाराे पर आक्सीजन, एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है।माउंट किलिमंजारो समुद्र तल से 5895 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मप्र टूरिज्म बोर्ड के संयुक्त संचालक वरुण वडेरिया ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारों पर तिरंगा फहराया है। समुद्र तल से 5895 मीटर ऊंचे माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।
वहां तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है। ऐसे में वरुण ने नया इतिहास रच दिया है। यही नहीं, उन्होंने यहां पर भारत माता की जय के नारे भी लगाए। वरुण वडेरिया ने इंटरनेशनल फेडरेशन फार क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेयरिंग उत्तराकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है।
उनकी सफलता पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग एवं प्रबंध संचालक मप्र टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर ने शुक्ला ने इस उपलब्धि पर बधाई दी। वरुण वडेरिया ने कहा एक भारतीय होने के नाते यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह केवल शिखर तक पहुंचने के बारे में नहीं है, बल्कि वहां पहुंचने के लिए आवश्यक परिश्रम, दृढ़ता और विवेक के बारे में भी है।
माउंट किलिमंजाराे पर आक्सीजन और एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है। लेकिन योग, प्राणायाम से बहुत फायदा मिला। माउंट किलिमंजारो, अपने चुनौतीपूर्ण भूभागों और मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है। इससे पहले मैं वरुण वडेरिया यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुज पर तिरंगा लहरा चुका हूं।