बीमार होने से अच्छा है कि पहले मिठाई की गुणवत्ता जांच लें। – सांकेतिक चित्र।
HighLights
रक्षाबंधन पर सस्ती मिठाइयों में है मिलावट की आशंका। खाद्य सुरक्षा प्रशासन टीम का चल रहा छापेमारी अभियान।टीम द्वारा कई मिठाइयों के सैंपल दुकानों से लिए जा रहे हैं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। त्योहार पर मिठाइयों को देख मुंह में पानी आना लाजिमी है। यही वजह है कि मिठाई की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। चिता की बात ये है कि मिलावटखोर आपकी सेहत से खिलवाड़ कर सकते हैं। ज्यादा मुनाफे के फेर में कई जगह मिलावटी सामान की बिक्री की आशंका है। रक्षाबंधन के दिन कहीं आप भी तो नहीं सूजी वाला कलाकंद, बेसन की जगह मैदा वाला लड्डू या रंग डालकर पाम आयल से तैयार हो रही मिठाई तो नहीं खा रहे हैं?
रक्षाबंधन पर मिठाई खाएं तो जरा संभलकर। बीमार होने से अच्छा है कि पहले मिठाई की गुणवत्ता जांच लें और ऐसी दुकान से मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थ खरीदे जो भरोसे की हो। मिठाइयां सावधानी बरतते हुए ही खरीदें। ऐसा न हो कि सेहत ही खराब हो जाए। हालांकि आपको इन मिठाइयों से खाने से बचाने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी अभियान शुरू कर रखा है। जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई मिलावटी स्वीट्स की रोकथाम को लेकर हो रही है। खासकर गुलाब जामुन, सफेद रसगुल्ले, बेसन, बर्फी, मिल्क केक, घेवर, लड्डू और छेना रसगुल्ला सहित कई मिठाइयों के सैंपल दुकानों से लिए जा रहे हैं।
न्यायालय द्वारा गठित समिति के निर्देश पर चल रही कार्रवाई
न्यायालय द्वारा गठित समिति सदस्यों के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम एक अगस्त से खाद्य कारोबारियों के यहां निरीक्षण कर सैंपलिंग की कार्रवाई कर रही है। इसके बावजूद मिलावटखोर मिलावटी मावे की मिठाई तैयार कर सस्ते दामों पर बेच रहे हैं। मावे से बनी मिठाई 300 रुपये में बिक रही है। इधर विभाग सैंपलिंग कर जांच के लिए नमूने राज्य स्तरीय लैब भेज रहा है जिनकी रिपोर्ट त्योहार बाद आएगी जब तक लोग मिठाई खा चुके होंगे।
त्योहार को देखते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम को सैंपलिंग के लिए भेजा रहा है। टीम प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर सैंपल ले रही हैं। इसके साथ ही बाहर से आने वाला मावा व पनीर भी पकड़ा गया है।- डाॅ.आरके राजौरिया, सीएमएचओ
भिंड में धधक रहीं मावे की भट्टियां
इन दिनों भिंड जिले के देहात में मावा बनाने वाली भट्टियां खूब धधक रही हैं। यहां तमाम जगह मिलावटी मावा तैयार हो रहा है। यहां तैयार मावा जिले में ही नहीं खपेगा, बल्कि आसपास भी भेजा जाएगा। भिंड से तैयार होकर आए मावे को हाल में खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी पकड़ चुके हैं। जाहिर है कि मावा आ रहा है। ज्यादातर मामलों में मिलावटखोरों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। हालांकि, इस बार ऐसी ही निर्माण इकाइयों पर छापेमारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां मिलावट की सबसे ज्यादा आशंका हो।