बाघ के पंजे का निशान
HighLights
बाघ को जामगेट के आसपास देखा गया हैपंजों के निशान और शिकार को लेकर मिले प्रमाणमहू वनक्षेत्र में बाघ ने मूवमेंट बढ़ा दिया
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-खंडवा राजमार्ग को जल्द पूरा करने को लेकर निर्माण एजेंसी जंगल में सड़क निकालने के लिए दिन-रात काम में जुटी है। भारी मशीनों के कम्पन से वन्यप्राणियों का प्राकृतिक वास प्रभावित होने लगा है। इस वजह से जानवर जंगल से बाहर आने लगी है।
पांच महीने बाद फिर एक बार महू वनक्षेत्र में बाघ ने मूवमेंट बढ़ा दिया। ग्रामीणों का दावा है कि बाघ को जामगेट के आसपास देखा गया है। जंगल में पंजों के निशान भी मिलने है, लेकिन वन अफसर कुछ भी स्पष्ट करने को तैयार नहीं है।
मई 2023 में महू सैन्य परिसर में पहली बार बाघ सीसीटीवी में कैदा हुआ था। इसके बाद महू और मानपुर में कई बार बाघ के पंजों के निशान और शिकार से जुड़े प्रमाण सामने आए थे। लम्बे समय तक बड़गोंदा वनक्षेत्र में बाघ को देखा गया, लेकिन मार्च 2024 में महू के जंगलों में घूमने वाले बाघ रायसेन में नजर आया। लम्बे अंतराल के बाद महू में बाघ की मौजूदगी से जुड़े प्रमाण मिले।
बीते दस दिनों के भीतर ग्रामीणों ने अलग-अलग स्थानों पर बाघ होना बताया। बड़गोंदा, जाम गेट, छोटी जाम पर देखा है। बकायदा वीडियो पर बहुप्रस्तारित किया गया। ग्रामीण ओंकार पाटीदार का कहना है कि जामगेट के पास बाघ को सुबह के समय देखा था। बाद में वन विभाग ने जंगलों का निरीक्षण भी करवाया है। बड़े पैरों के निशान और शिकार के प्रमाण मिले है, लेकिन वन अफसर का तर्क है कि बरसात होने के चलते जमीन गीली है। इसके चलते जानवरों के पंजों के निशान फैले हुए है।
तेंदुआ का वीडियो
बाघ मिलने की सूचना पर जंगल का निरीक्षण किया है। पंजों के निशान पर अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस संबंध में विशेषज्ञों से भी चर्चा की है। वैसे वीडियो में नजर आने वाला जानवर तेंदुआ है। जबकि चोरल-महू वनसीमा पर बाघ का मूवमेंट है, क्योंकि सड़क निर्माण की वजह से जानवर यहां आते है। – कैलाश जोशी, एसडीओ, इंदौर वनमंडल