पावर जनरेटिंग कंपनी ने कड़ी कार्रवाई का दिया आश्वासन।
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खंडवा स्थित है श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना मटेरियल की सप्लाई में 45 लाख रुपये का घोटालातीन अभियंता और सुरक्षा कर्मी की भूमिका संदिग्ध
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया (खंडवा) इकाई में 45 लाख रुपये के मटेरियल की सप्लाई में हुए घोटाले की जांच पूरी हो गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी ने इन चार 3 इंजीनियर समेत 4 कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
घोटाले में संदिग्ध चारों कर्मी
जांच समिति ने बाण सागर जल विद्युत गृह (देवलोंद) में कार्यरत सहायक अभियंता रामराज पटेल, चालू प्रभार ताप गृह दोंगलिया में सहायक अभियंता (उत्पादन) अनुज विश्वकर्मा, सिंगाजी में सहायक अभियंता (उत्पादन) अरुण कुमार विश्वकर्मा और ताप विद्युत गृह सिंगाजी में कार्यरत सुरक्षा कर्मचारी मुकेश घिघोड़े की भूमिका घोटाले में संदिग्ध मानी। जांच समिति ने चारों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की अनुशंसा भी की है।
45 लाख रुपये के मटेरियल में घोटाला
उल्लेखनीय है कि नईदुनिया ने 28 जुलाई को खबर प्रकाशित करके इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। बिजली कंपनी की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में 45 लाख रुपये कीमत के मटेरियल की खरीदी की गई थी। अधिकारियों के समक्ष जब मटेरियल का बाक्स खोला गया तो उसमें स्क्रैप मिला।
मटेरियल खरीद में गोलमाल
मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी ने चार सदस्यीय समिति का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। कंपनी मुख्यालय जबलपुर से खंडवा पहुंची जांच टीम ने दस्तावेज जब्त कर मटेरियल खरीदी मामले की गहन छानबीन की। पता चला कि मटेरियल खरीद में गोलमाल किया गया है।
मटेरियल की जगह बाक्स में स्क्रैप भरकर श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया भेजा गया था। इसके बाद मिलीभगत कर मटेरियल सप्लाई करने वाली ठेका कंपनी फर्म मेसर्स क्रिशिव पावर बिरसिंहपुर को भुगतान भी कर दिया गया।
ठेका कंपनी के खिलाफ भी जांच
बिजली कंपनी ने ठेका कंपनी के खिलाफ भी जांच प्रारंभ कर दी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा फर्म को किए गए आदेशों के परिपालन को तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। पावर जनरेटिंग कम्पनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने कहा कि कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाले अभियंताओं, कर्मचारियों, सप्लायर व ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।