HighLights
लगभग 10 दिन पहले जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर पत्र जारी कर दिया थाडॉक्टरों के खिलाफ दवाखाना सिल करने की कार्रवाई सिविल अधीक्षक द्वारा की गई हैइसके बाद शहर में दर्जनों अपंजीकृत डॉक्टर चिह्नित किए गए हैं जिसे के बाद उन पर जांच होगी
नईदुनिया न्यूज़, सारंगपुर। सरकार के प्राथमिकता वाले आदेशों की जांच और कार्रवाई में स्थानीय प्रशासन के अफसर सिर्फ कागजी खानापूर्ति में जुटे हैं। सरकार के जिन आदेशों पर प्रदेशभर और पडोसी जिलों में कड़ी कार्रवाई हो रही हैं, यहां सिर्फ फाइलें कार्यालय दर कार्यालय घूम रही हैं।
सामान्य प्रशासन के ही आदेशों का पालन कराने में पसीना छूट रहा है। शासन के विशेष आदेशों के तहत कार्रवाई के बजाय सिर्फ राजस्व, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगर पालिका अधिकारियों की टीम द्वारा कार्रवाई के करने के बजाय, अपनी जिम्मेदारियों को महज इतिश्री कर लिया गया है।
शुरू ही नहीं हुई बेसमेंट की जांच
दिल्ली में बेसमेंट में हुए हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने प्रशासन को पत्र भेजकर शहरी क्षेत्र में बेसमेंट की जांच रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो लगभग 10 दिन पहले जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर पत्र जारी कर दिया था। लेकिन कई दिन बीतने के बाद कार्रवाई तो दूर नपा की टीम बेसमेंट झांकने तक नहीं पहुंची है।
प्रशासन ने शासन के पत्र के आधार पर नगरीय क्षेत्र में नगर पालिकाओं को भी पत्र जारी किया है। यहां पर बेसमेंट की सबसे खराब स्थित है। जिस पर आज तक कार्रवाई न होना एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। बताया गया कि क्षेत्र के कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में पानी निकासी की व्यवस्था भी नहीं है।
इसी तरह निजी कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में दुकानें संचालित हो रही हैं। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि नपा ने अभी तक इन्हें चिह्नित करने के साथ आज तक कार्रवाई नहीं की।
औपचारिकता में सिमटी झोलाछापों की कार्रवाई
शासन ने 15 जुलाई को झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। मामले में प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देने के साथ साथ बनाए गए दल को जिम्मेदारी देकर मामले को इतिश्री कर लिया है। सूत्रों की माने तो सारंगपुर में दो डॉक्टरों के खिलाफ दवाखाना सिल करने की कार्रवाई सिविल अधीक्षक द्वारा की गई है। किंतु इसके बाद यह अभियान शिथिल पडा है। जबकि शहर में दर्जनों अपंजीकृत डॉक्टर चिह्नित किए गए हैं।
स्कूलों पर मेहरबानी
बता दे की सबसे पहले शासन के आदेश पर प्रशासन ने निजी स्कूलों में आइएसबीएन और डुप्लीकेट पुस्तकों की जांच के लिए राजस्व और स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम गठित करने की बात सामने आई थी। बावजूद इसके आज तक अभियान के तहत एक दिन भी जांच नहीं की गई। इसी तरह निजी स्कूलों में फीस वृद्धि का मामला लंबे समय से चल रहा है। आज तक न तो ठोस कार्रवाई हुई और न ही कार्रवाई करने की किसी ने जहमत दिखाई।
बोले जिम्मेदार
हमारे द्वारा पूर्व में भी नियम विरुद्ध संचालित क्लीनिक पर कार्रवाई की है आगे भी यह जारी रहेगी। -डॉ. मनीष चौहान, सिविल अधीक्षक, सिविल अस्पताल, सारंगपुर।
शिक्षा विभाग एवं शासन के जो भी निर्देश मिलते है उन पर अमल किया जाता है। फीस वृद्धि के मामले जो भी शासन के निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार निजी स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे। – बीएल सूर्यवंशी, बीईओ, सारंगपुर।