जौरा में खाद के लिए लगी किसानों की कतार
HighLights
अमानक बीजों ने बढ़ाई समस्याएं खेती का उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा हैकृषि विभाग ने फिर नोटिस जारी किया
नईदुनिया न्यूज़, मुरैना। मुरैना जिले में अमानक खाद-बीज की खपत पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। रवी हो या खरीफ का सीजन, जब भी बोवनी का समय होता है, बाजार में नकली व अमानक खाद-बीज खपने लगता है। बीते सीजन में भी ऐसे कई मामले सामने आए।
कृषि विभाग ने इस सीजन में स्पेलिंग शुरू की तो फिर अमानक बीच बाजार में बिकने के मामले सामने आए हैं। जांच में फेल होने पर कृषि विभाग ने तीन फर्माें के बीच की विक्री, भण्डारण व परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है। बीज अनुज्ञापन पंजीयन अधिकारी एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक पीसी पटेल ने बताया, कि बीते दिनों कोर्टेवा एग्री साइंस सीड्स प्रालि तेलंगाना की कंपनी के बीच के संपल सबलगढ़ कस्बे की दुकान मैसर्स मंगल बीज भंडार से लिए थे। लैब में हुई जांच में यह बीज अमानक पाया गया है। इसके अलावा कोहिनूर हाइब्रिड सीड्स निजामाबाद का बीज मैसर्स शिवा बीज भंडार जीवाजीगंज मुरैना से विक्रय किया जा रहा था।
इस बीज के भी सैंपल लिए गए, जो जांच में अमानक पाए गए हैं। इसी तरह मुरैना शहर के जीवाजीगंज में मैसर्स अग्रवाल सीड्स स्टोर से कार्तिक वायोसीड्स सावरकांटा गुजरात की कंपनी के बीज के सेंपल लिए, यह भी जांच में फेल हो गए। उप संचालक पीसी पटेल ने बताया, कि जांच में फेल हुए बीजों के पूरी लाट पर प्रतिबंध लगाया गया है।
खाद के लिए लग रहीं किसानों की कतार
प्रशासन का दावा कमी नहीं हर बार की तरह इस बार भी जिला प्रशासन दावा कर रहा है, कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं हैं। फिर भी हालत यह है कि मुरैना जिला मुख्यालय से लेकर कस्बाई क्षेत्र जहां-जहां खाद का वितरण किया जा रहा है, वहां खाद के लिए किसानों की कतार लग रही है।
जौरा कस्बे में खाद के लिए कतार में लगे किसानों का नंबर पांच-पांच घंटे में आ पा रहा है। मुरैना में पुलिस की निगरानी में खाद का वितरण हो रहा है। किसान का आधार कार्ड दिखाने पर पांच बोरे यूरिया दिया जा रहा है, जिस किसान को 10 बोरे खाद की जरूरत है, उस किसान के परिवार के दो सदस्य आधार कार्ड लेकर खाद की लाइन में लग रहे हैं।
उधर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने एसडीएम- तहसीलदारों को निर्देश दिए है, कि खाद वितरण पर राजस्व अधिकारी नजर रखें। जिले में पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा खाद है, किसानों को भरपूर खाद खाद की कमी नहीं है, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खाद अधिक मात्रा में उपलब्ध। वितरण की व्यवस्था को राजस्व अधिकारी संभाले, ताकि किसानों को आसानी से खाद मिल सके।