10 किमी. प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रेन को निकालते रेलवे कर्मचारी।
HighLights
कटनी जिले में जारी तेज बारिश से कई इलाकों में भरा पानी। बारिश की वजह से कई पुल-पुलियाएं भी लबालब हो गई हैं।महापौर बोलीं-वार्डों में न हो जलभराव, पानी निकासी की कराएं व्यवस्था।
नईदुनिया, कटनी (Katni News)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में भारी बारिश के बाद घरों के साथ ही स्लीमनाबाद व डुंडी स्टेशन के बीच इमलिया रेल फाटक में रेलवे ट्रैक में पानी भर गया। इससे ट्रेनों को निकलने में परेशानी हो रही है। कटनी और जबलपुर के बीच ट्रेन धीमी रफ्तार में चलाई जा रही हैं। कटनी जिले में लगातार बारिश के कारण पुल-पुलियाएं लबालब हो गई हैं।
लगातार बारिश के बाद कटनी नदी का पुराना पुल डूबने की स्थिति में
स्लीमनाबाद क्षेत्र में 12 घंटे की लगातार बारिश के बाद कटनी नदी का पुराना पुल डूबने की स्थिति में पहुंच गया। वहीं बढ़ते जलस्तर के कारण कई घरों में पानी घुस गया। स्लीमनाबाद और डुंडी रेलवे स्टेशन के बीच में इमलिया फाटक के पास बारिश होने के कारण रेलवे ट्रैक के ऊपर पानी आ गया। जिसके कारण रेल यातायात बाधित हुआ। रेल कर्मचारियों की मदद से 10 किमी. प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रेनों को निकाला गया।
पुलियों के आसपास कब्जा करने से रेलवे लाइन में पानी भरा
ट्रेनों को निकालने के दौरान रेलवे कर्मी इंजिन के आगे-आगे चलते ट्रैक की स्थिति देखते हुए चलते रहे ताकि ट्रेनें किसी दुर्घटना का शिकार न हों। लोगों ने बताया कि रेलवे ट्रैक के किनारे की पुलियों के आसपास ही लोगों ने कब्जा कर रखा है और इसके चलते रेलवे लाइन में पानी भरने की स्थिति बनी।
ट्रेनों को धीमी गति से निकालने का कार्य चलता रहा
सुबह से लेकर दोपहर तक ट्रेनों को धीमी गति से निकालने का कार्य चलता रहा और रेलकर्मी लगातार बरसते पानी में जुटे रहे। दोपहर बाद ट्रैक से पानी कम होना शुरू हुआ। साथ ही क्षेत्र में बारिश का क्रम रुका तो तीन बजे के बाद ट्रैक खाली हो गया। रेलवे के कर्मचारी ट्रैक पर नजर बनाए रहे और ट्रेनों को गेट के पास से तेज गति से नहीं निकाला गया।
स्लीमनाबाद बिलहरी मार्ग भी रही बंद
स्लीमनाबाद बिलहरी मार्ग भी अधिक बारिश होने के कारण और कटनी नदी के उफान में आने की वजह से बंद रहा। इसके अलावा भेड़ा रोड और बरढ़ा नाला पर रोड के ऊपर लगभग तीन फिट पानी होने से यातायात बाधित हुआ।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के लिंक रोड स्लीमनाबाद ताज होटल के पास नाले के ऊपर रोड पर पानी आ जाने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए तीन मोटर साइकिल सवार और एक साइकिल सवार तेज बहाव के कारण बह गए, हालांकि वे सकुशल निकल आए लेकिन उनके वाहन बहाव में बह गए।
शिवनगर बस्ती में घरों में घुसा पानी, गृहस्थी हुई खराब
रीठी क्षेत्र में दो दिन से लगातार हो रही झमाझम बारिश से जहां खेतों में भरे पानी से किसानों के चेहरे खिल गए तो वहीं कई निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों को नुकसान उठाना पड़ा। रीठी तहसील मुख्यालय की शिवनगर बस्ती में हर साल बारिश के दौरान बाढ़ जैसे हालात बनते हैं और आज तक ग्राम पंचायत व जनपद पंचायत उसकी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं करा पाई हैं।
दो दिन की बारिश में हाल यह हुआ कि पूरी बस्ती जलमग्न हो गई। लोगों के घरों में पानी भर गया और गृहस्थी का समान खराब हो गया। लोग रात से लेकर दिनभर घरों में घुसा पानी निकालने में लगे रहे। दूसरी ओर डांग से करहिया मार्ग के बीच में नदी के उफान में आने और पानी रपटा के ऊपर से होने के कारण मार्ग बंद हो गया।
जिसके चलते ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ी। वहीं ग्राम पंचायत बसुधा से निकली नदी भी उफान पर आ गई और मार्ग अवरूद्ध रहा।
महापौर बोलीं-वार्डों में न हो जलभराव, पानी निकासी की कराएं व्यवस्था
शहर में हुई बारिश से संभावित जलभराव की स्थिति को देखते हुए महापौर प्रीति संजीव सूरी ने बुधवार को महाराणा प्रताप वार्ड पहुंचकर नाले का निरीक्षण कर संबंधित उपयंत्री को पानी निकासी के निर्देश दिए।
साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखने कहा कि शहर में जहां भी जलभराव की स्थिति निर्मित होना संभावित हो, उन स्थलों में जाकर सभी क्षेत्रीय वार्ड दरोगा, स्वच्छता निरीक्षक व उपयंत्री यह सुनिश्चित करें की पानी निकासी के लिए तत्काल कार्रवाई हो और स्थानीय जनों की समस्या का समाधान करें।
रोड में कीचड़ से आवागमन बाधित होने व पानी निकासी की समस्या
महापौर सूरी ने वार्ड में स्थित भटिया मोहल्ला का भी भ्रमण करते हुए नागरिकों की समस्याओं को देखा। स्थानीय जनों ने रोड में कीचड़ से आवागमन बाधित होने व पानी निकासी की समस्या की जानकारी दी। जिस पर महापौर ने उपयंत्री पवन श्रीवास्तव को पानी निकासी व रोड की मरम्मत कर वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान स्थानीय पार्षद तुलसा गुलाब बेन, एमआईसी सदस्य सुभाष साहू, अवकाश जायसवाल, उपयंत्री सहित अन्य जन मौजूद थे।
तेज बारिश में गिरा 33केवी लाइन के खंभे, कराया सुधार
जिले के रीठी तहसील मुख्यालय के समीप डुड़हा नाला के पास खेत में लगा 33 केवी बिजली के तीन खंभे गिर बारिश के चलते गिर गए। जिससे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई। खंभे के नीचे पानी से भरे खेत में गिरने की सूचना मिलते ही रीठी में पदस्थ कनिष्ठ अभियंता विमल चन्द्र मिश्रा पूरे स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और आपूर्ति पूरी तरह से बंद कराई गई। कनिष्ठ अभियंता की मौजूदगी में विभाग की टीम ने सुधार कार्य शुरू किया और सुधार कर खंभे खड़े कराए गए। जिसके बाद क्षेत्र की बिजली आपूर्ति प्रारंभ हो सकी।
राहत शिविरों में 17 सौ लोग को ठहराया
ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बारिश के कारण कई गांवों में पानी भरने के कारण प्रशासन राहत शिविर लगाए हैं और लोगों को सुरक्षित निकालते हुए पंचायत भवन, मंगल भवन, स्कूलों आदि में पहुंचाया है। एसडीएम विंकी सिंहमारे उइके ने बताया कि वर्तमान में जरूरत के मुताबिक आठ राहत शिविर स्थापित किए गए है।
जहां लगभग 1700 बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया है और उनके चाय-नाश्ते से लेकर भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में लगे राहत शिविर में सिमरिया, खिरवा और पोंडी खुर्द के 950 बाढ़ प्रभावितों के ठहरने और भोजन का इंतजाम किया गया है।
छोटा कछार गांव के 650 बाढ़ प्रभावितों को रखा गया
चौरसिया मंगल भवन उमरियापान में छोटा कछार गांव के 650 बाढ़ प्रभावितों को रखा गया है। इसी प्रकार माध्यमिक शाला पिपरिया शुक्ल के राहत शिविर में पिपरिया शुक्ल के 90 बाढ़ प्रभावितों, प्राथमिक शाला बनहरी में ग्राम बनहरी के 35 और माध्यमिक शाला ढीमरखेड़ा में ग्राम ढीमरखेड़ा के 50 सहित ग्राम पंचायत घुघरी के राहत शिविर में ग्राम घुघरी के 20 बाढ़ प्रभावितों काे रखा गया है।
माध्यमिक शाला सुनारखेड़ा के राहत शिविर में ग्राम सुनारखेड़ा व पशु औषधालय सिलौंडी के राहत शिविर में ग्राम सिलौंडी के 15-15 बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया है।