सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। – फाइल फोटो
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वित्त विभाग ने 3.85 प्रतिशत की दर से दी वेतन वृद्धि। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वेतन में वृद्धि। लोकसभा चुनाव के कारण नहीं हो पाया था निर्धारण।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन 1 अप्रैल 2024 से 700 रुपए से लेकर 3000 रुपये तक बढ़ जाएगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में प्रावधान भी रखा गया है।
वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान
संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के स्थान पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है। 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति के अंतर्गत जारी किए गए निर्देश अनुसार, प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि की जाएगी।
लोकसभा चुनाव की कारण टली थी वेतनवृद्धि
लोकसभा चुनाव के कारण इसका निर्धारण नहीं हो पाया था। अब वित्त विभाग ने 3.87 प्रतिशत की दर से वार्षिक वेतन वृद्धि के आदेश जारी किए हैं, जो एक अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे। हालांकि, मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहा है कि भारत सरकार ने जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया है उसमें दर 5.39 प्रतिशत है। प्रदेश में यह दर 3.87 रखी गई है।
किसे कितना होगा लाभ – (रुपये में)
भृत्य /चौकीदार- 785 वाहन चालक- 987 लिपिक- 987 डाटा एंट्री ऑपरेटर- 1188 सहायक वार्डन- 1,281 मोबाइल स्रोत सलाहकार- 1,281 लेखापाल- 1,281 एमआईएस कोऑर्डिनेटर- 1,660 स्टेनोग्राफर- 1,425 ड्राफ्ट्समैन- 1,660 उपयंत्री-1,660 बीआरसी- 1,670 एपीसी जेंडर- 1,670 एपीसीआईडी- 1,660 व्याख्याता-1,830 प्रोग्रामर- 2,160 सहायक परियोजना वित्त- 2,160 सहायक यंत्री- 2,169 सहायक प्रबंधक- 2,535
अगस्त में बढ़ाया जा सकता है 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता
प्रदेश के 7 लाख नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सरकार अगस्त में बढ़ा सकती है। अब 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को मार्च 2024 से 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी भी शामिल हैं।
शिवराज सरकार में राज्य के कर्मचारियों के साथ ही अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती थी। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। इस बार बजट में 56 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से सभी विभागों के स्थापना व्यय में प्रावधान रखा गया है। इसमें पेंशनरों की महंगाई राहत भी शामिल हैं। 4 लाख पेंशनर्स को अभी 46 प्रतिशत की दर से ही महंगाई राहत मिल रही है।