हर दिन मिल रहे एंजायटी, डिप्रेशन के 12 नए पीड़ित … काम का दबाव और तनाव बना रहा मनोरोगी

कई बार मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने का संकेत करते हैं।

HighLights

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर तनाव-नींद के निरंतर बढ़ रहे हैं रोगी।प्रत्येक आयु वर्ग के मरीजों में मनोरोग के अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज में ओपीडी में आने मरीजों में वृद्धि।

दीपंकर राय, नईदुनिया, जबलपुर (Health News)। जीवन में बढ़ते तनाव, कामकाज के दबाव और कई अन्य कारण से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में निरंतर बढ़ रहे हैं।

जांच में हर दिन लगभग 12 लोग एंजायटी एवं डिप्रेशन के पीड़ित मिल रहे हैं। इसमें महिला-पुरुष दोनों सम्मिलित है। प्रत्येक आयु वर्ग के मरीजों में मनोरोग के अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं।

मेडिकल कालेज के मनोरोग विभाग में….

100-150 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में आ रहे है। 50 प्रतिशत मरीज इसमें एंजायटी व डिप्रेशन के। 12-15 नए मरीज, प्रतिदिन दोनों समस्या के मिल रहे। एक से दो मरीज, इसमें कार्यस्थल के तनाव के।

अधिकारी से लेकर गृहिणी तक

मेडिकल कालेज में जांच के लिए आ रहे एंजायटी और डिप्रेशन पीड़ितों में अधिकारी से लेकर गृहिणी तक है। एक अधिकारी को 20 दिन में कंपनी ने लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया। इससे तनाव में आ गए। नींद नहीं आती थी। स्वास्थ्य खराब हो गया। काउंसिलिंग और दवा से स्वस्थ्य हुए।

10-12 घंटे तक काम का दबाव

निजी बैंक में काम करने वाली एक युवती की मानसिक स्वास्थ्य 10-12 घंटे तक काम के दबाव से प्रभावित होने लगा। वह उपचार करा रही है। 58 वर्षीय एक गृहिणी घर में प्रतिदिन एक जैसे काम से उकता गई। उदास और निराश रहने लगी तो जांच कराई।

एक प्रकार के मनोरोग से पीड़ित मिली। एक पीजी डाक्टर ने काम के भार के कारण मन शांत नहीं रख पाने की शिकायत लेकर पहुंची।

मिले-जुले लक्षण, समझ नहीं पाते

बेचैनी, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में समस्या, अधिक चिंता, निराशा, नकारात्मक भावना, यह एंजायटी एवं डिप्रेशन के लक्षण हैं।

शरीर पर पड़ने वाले कई प्रभाव भी मनारोग के कारण होते हैं। जैसे कि सिरदर्द, घबराहट, पेट संबंधी समस्या, मांसपेशियों में तनाव व खिंचाव की समस्या भी मानसिक रोग भी कई बार मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने का संकेत करते हैं।

अधिकतर लोग मेडिसिन, न्यूरो एवं अन्य विशेषज्ञों के पास जाकर उपचार कराते है। यदि समय रहते लक्षण को लोग समझ लें और झिझक दूर कर जांच कराएं तो भविष्य में स्वास्‍थ्य के गंभीर खतरें से बचा जा सकता है।

स्वास्‍थ्य के गंभीर खतरें से बचा जा सकता

ओपीडी में प्रतिदिन एंजायटी, डिप्रेशन के नए मरीज आ रहे है। कार्यस्थल के दबाव और तनाव से पीड़ित मरीज भी है। काउंसिलिंग, परामर्श व आवश्यक होने पर उचित दवा दे रहे। मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है। मनोरोग में भी लोगों को मांसपेशियों में खिंचाव, तनाव होता है। सर्विकल समस्या समझते हैं। ब्लड प्रेशन बढ़ने को लेकर है। भारीपन, कार्यस्थल में नींद आना जैसे लक्षण पर जांच कराएं।

कई बार एंजायटी, डिप्रेशन में ऐसा होता है। योग, व्यायाम, कार्य से अवकाश से भी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायता मिलती है।

– डा. ओपी रायचंदानी, प्रमुख, मनोरोग विभाग, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज