महाकाल मंदिर के गणेश मंडप में घुसे तीन आवारा कुत्ते आपस में लड़े, जान बचाकर भागे श्रद्धालु

महाकाल मंदिर के गणेश मंडप में श्रद्धालुओं के बीच आपस में लड़ते आवारा कुत्ते।

HighLights

महाकाल मंदिर परिसर में घूमते रहते हैं आवारा कुत्ते। गेट पर सुरक्षाकर्मी होने के बाद भी ये अंदर घुस आए। कुत्तों की लड़ाई से मंदिर में मच सकती थी भगदड़।

उज्जैन(Mahakal Mandir Ujjain)। उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आवारा कुत्तों का आतंक खत्म नहीं हो रहा है। शुक्रवार रात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें तीन कुत्ते गणेश मंडप में आपस में लड़ रहे हैं। श्रद्धालु इनसे डरकर जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आए।

पहले भी महाकाल मंदिर परिसर में आवारा कुत्ते कई बार श्रद्धालुओं को काट चुके हैं। इन्हें बाहर करने और पकड़ने के लिए नगर निगम ने कई बार अभियान चलाया, लेकिन इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।

मच सकती थी भगदड़

सावन माह में महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें कुत्ते आपस में लड़ रहे हैं। पास खड़े श्रद्धालु डरकर इधर-उधर भाग रहे हैं। इससे यहां भगदड़ भी मच सकती थी।

गणेश मंडपर में खड़े होकर दर्शन करते हैं श्रद्धालु

महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं को किस प्रकार की सुविधा दी जा रही है इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार रात देखने को मिला। मंदिर के अंदर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए गणेश मंडपम तय किया गया है। श्रद्धालु गणेश मंडपम में खड़े रहकर भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं।

शयन आरती के पहले मंदिर में घुसे कुत्ते

ऐसे में शुक्रवार रात को गणेश मंडपम में तीन आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला। यहां रात में शयन आरती के पहले 10 बजे कुत्ते आपस में लड़ते दिखाई दिए। तीनों कुत्ते आपस में एक दूसरे को काट रहे थे। ऐसे में श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला।

जान बचाकर भागे श्रद्धालु

श्रद्धालु अपनी जान बचाकर भागते दिखे। गनीमत रही की कुत्तों ने किसी श्रद्धालुओं को नहीं काटा। यहां बता दे की पूर्व में मंदिर परिसर में ही इन्ही कुत्तों द्वारा कई बार श्रद्धालुओं को काटा भी गया है। मंदिर के अंदर कुत्तों के इस आतंक को देखकर यह भी स्पष्ट हो गया है कि महाकाल मंदिर समिति श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कितनी चिंतित है।

महाकाल मंदिर की देखरेख का जिम्मा मंदिर समिति के पास है। इसके अलावा मंदिर समिति द्वारा ही निजी सुरक्षा एजेंसी, मंदिर समिति कर्मचारी और पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी लगाई जाती है। बावजूद इसके इस प्रकार की घटना घटित होना मंदिर को शर्मसार कर रहा है।