भोपाल में अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन, सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने पर अड़े, पुलिस ने की बैरिकेडिंग

आंबेडकर पार्क में जमा अतिथि शिक्षक।

HighLights

नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन। प्रदेशभर से आए हजारों अतिथि शिक्षक प्रदर्शन में शामिल। प्रदर्शनकारियो को आगे बढ़ने से रोकने पुलिस ने की बैरिकेडिंग।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर राजधानी के आंबेडकर पार्क में एकत्रित हुए है और नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष अपनी मांगें रखना चाहते हैं।

अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। आंबेडकर पार्क के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग भी कर रखी है।

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि 10 सितंबर को तिरंगा यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जिन बातों पर सहमति दी थी, उस संबंध में अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि बैठक में 10 माह के अनुबंध, स्कोर कार्ड में 10 अंक प्रतिवर्ष जोड़ने , 10 वर्ष के अधिकतम सौ अंक जोड़ने, 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले करीब 12 हजार अतिथि शिक्षकों को पुनः अवसर देने सहित कई मांगों पर सहमति बनी थी। अब तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार अतिथि शिक्षकों के साथ लगातार वादाखिलाफी कर रही है। अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आहत

अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री के उस बयान से भी आहत व आक्रोशित हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेहमान बनकर आए हो तो घर पर कब्जा करोगे क्या? इसके विरोध में अतिथि शिक्षकों ने तमाम जिलों में बीजेपी जिला अध्यक्षों, विधायकों और कलेक्टर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर संज्ञान लेने का आग्रह किया था। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री हमारा अपमान न करें, बल्कि हमारे साथ न्याय करें।

आमरण अनशन की चेतावनी

आंबेडकर पार्क में एकत्रित अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि यदि सरकार जल्द अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम भोपाल की सड़कों पर आमरण अनशन करेंगे।