भोपाल की सड़कों पर दौड़ीं नवाब हमीदुल्ला की 80 साल पुरानी विंटेज जीपें

80 साल पुरानी विंटेज जीप।

HighLights

शौकत महल से कलियासोत तक निकला जीपों का काफिला।1942 से 76 तक की 18 जीपें थीं रैली में शामिल।विश्व युद्ध में किया गया था विंटेज जीपों का उपयोग।

नवदुनिया प्रतिनिधि। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए जमाने की लग्जरी कारें तो सड़कों पर हर रोज देखी जाती हैं। लेकिन 80 साल पुराना जीपों का शाही कलेक्शन भोपाल की सड़कों पर उतरा तो लोगों की निगाहें जैसे थम सी गईं। भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां का जीपों के प्रति प्रेम जगजाहिर है और उनके ही कलेक्शन की कुछ जीपें स्वतंत्रता दिवस की सुबह शहर की सड़कों पर दौड़ती हुई दिखाई दीं। विंटेज कार रैली में ये जीपें शहर के जिस हिस्से में पहुंचीं, वहां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गईं। 18 विंटेज जीपों की इस रैली में पांच जीपें भोपाल नवाब हमीदुल्ला के पर्सनल कलेक्शन की हैं। जबकि अन्य 13 विंटेज जीपें शहर के अन्य जीप लवर्स की थीं।

1942 से 76 तक की जीपें थीं रैली में शामिल

भोपाल विली जीपीडब्ल्यू क्लब की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विंटेज कार रैली का आयोजन किया गया। रैली सुबह नौ बजे शौकत महल से शुरू हुई जो, वीआईपी रोड और स्मार्ट सिटी रोड से होते हुए कलियासोत डैम तक पहुंची। वहीं दोपहर एक बजे न्यूमार्केट से होते हुए रैली वापस इकबाल मैदान पर पहुंची। इनमें 1942 से लेकर 1976 के माडल तक की जीपें शामिल थीं।

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भोपाल नवाब ने इंग्लैंड से आयात कर बनाया था 18 जीपों का कलेक्शन

क्लब के फाउंडर दानिश अनवर ने बताया कि नवाब हमीदुल्ला के पास 18 विंटेज जीपों का कलेक्शन था, जो उन्होंने इंग्लैंड और अमेरिका से उस जमाने में आयात की थीं। वे इन जीपों से शहर के आसपास सैर और शिकार करने जाया करते थे। उनके जाने के बाद परिवार में कुछ जीपें बेटियों ने ले ली तो, कुछ जीपें परिवार ने बेच दीं। उनमें से पांच जीपें हमारे ग्रुप के पास हैं, जो हमारे दादा ने करीब 30-35 साल पहले खरीदी थीं। इन जीपों के अलावा परिवार की पुरानी जीपों को भी विंटेज रैली में शामिल किया गया है।

विश्व युद्ध में किया गया था विंटेज जीपों का उपयोग

विंटेज जीप रैली में सबसे पुरानी कार 1942 की फोर्ड जीपीडब्ल्यू थी, जो सलमान मोहम्मद खान के दादा ने नवाब परिवार से खरीदी थी। यह जीप वर्ल्ड वार में उपयोग की गई थी, जिसे अमेरिका से इंग्लैंड लाया गया था। इसके अलावा 1952 कि विलीज जीप भी सबसे पुराने कलेक्शन में शामिल थी। साथ ही अन्य जीपें 60 और कुछ 70 के दशक की जीपें भी शामिल थीं।

ये सभी जीपें उनके दादा से नाती-नातिन को हस्तांतरित की गईं और अब वे अपने दादा की तरह ही उनका रख-रखाव और देखभाल कर रहे हैं। 75 साल पुराने वाहन का रख-रखाव करना बहुत मुश्किल है। इसमें बहुत पैसा और समय लगता है। लेकिन यह जुनून ही है जो हमें उन्हें जीवित रखने और सड़क पर दहाड़ते रहने में मदद करता है।

आज की रैली का नारा भोपाल की विरासत को बचाना

भोपाल का इतिहास बचाओ। भोपाल की पुरानी जीपों को बचाओ। रैली इकबाल मैदान से शुरू हुई और कलियासौध डैम की ओर गई, फिर नए बाजार से इकबाल मैदान लौटी। सवारी करते समय, हमें कुछ बेहतरीन अनुभव मिले जैसे स्कूली छात्र अपने फोन से वीडियो शूट करना और तस्वीरें क्लिक करना शुरू कर देते हैं, और हम हर उस व्यक्ति में उत्साह देखते हैं जिससे हम मिले।

हमने कुछ सुपर बाइक समूहों को भी पार किया, और वे भी हमारी 75 साल पुरानी जीपों के साथ सड़क पर आश्चर्यजनक लग रहे थे। इस रैली का आयोजन भोपाल विली के जीपीडब्ल्यू क्लब द्वारा किया गया है, जो भारत का सबसे बड़ा विंटेज जीप समूह है। इस समूह की स्थापना 2017 में 3 जीपों के साथ की गई थी, और अब इसमें 40 से अधिक सदस्य जुड़ चुके हैं। इस समूह को क्या खास बनाता है।

यह समूह किसी भी राजनीतिक दल या किसी वाणिज्यिक संगठन या कंपनी से जुड़ा नहीं है। यह एक गैर-राजनीतिक और गैर-वित्तपोषित क्लब है। यह हमारी 9वीं रैली थी हर रैली का अलग-अलग आदर्श वाक्य होता है। पहली रैली का आदर्श वाक्य था वन्य जीवन को बचाना। हमारे दौरे के दौरान, हमने कोई यातायात नियम नहीं तोड़ा और न ही किसी जानवर को नुकसान पहुँचाया। यह एक शांति रैली थी।

क्लब का नाम: भोपाल विली का GPW क्लब

क्लब के संस्थापक : दानिश अनवर, सलमान मोहम्मद खान, सादत अली खान

उपरोक्त सभी जानकारी क्लब के संस्थापकों में से एक दानिश अनवर द्वारा लिखी गई है