आलीराजपुर से पिछड़ा इंदौर, सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में तीसरा स्थान

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी की है अप्रैल माह की ग्रेडिंग।

HighLights

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी की ग्रेडिंग इंदौर को ग्रेडिंग में 4.38, हरदा 6.50 को अंक मिलेमनरेगा में किए गए कामों पर इंदौर को मिला बी ग्रेड

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: जिले के ग्रामीण अंचल में सरकारी योजनाओं का फायदा ग्रामीण तक कम ही पहुंच रहा है दरअसल हाल ही में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अप्रैल माह की ग्रेडिंग जारी की है। जिसमें संभाग में इंदौर जिला तीसरे पायदान पर आया है जबकि आदिवासी अंचल का अलीराजपुर जिला पहले नंबर पर है।

सरकारी योजनाओं संबंधित जिलेवार ग्रेडिंग

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अप्रैल 2024 की विभिन्न योजनाओं संबंधित जिलेवार ग्रेडिंग जारी की है। इसमें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत सेक्टर, सीएम हेल्पलाइन संबंधित योजनाओं में जिलों ने बेहतर प्रदर्शन पर ए प्लस, ए, बी ग्रेड दी जाती है।

इंदौर को तीसरा स्थान

इस बार की ग्रेडिंग में ओव्हर आल ग्रेडिंग में इंदौर ने तीसरा स्थान पाया है, जबकि इससे पहले इंदौर ग्रामीण दूसरे स्थान पर था। इंदौर को ओव्हार ऑल ग्रेडिंग में 4.38 अंक मिले हैं जबिक अलीराजपुर को 4.63 और हरदा 6.50 अंक पाकर दूसरे स्थान पर रहा है।

जानकारी के अनुसार इंदौर जिला पंचायत हमेशा ही टॉप थ्री में रहा है, लेकिन इस बार जारी हुई ग्रेडिंग में इंदौर अजीविका मिशन योजना के तहत किए गए कार्यों में इंदौर ने महज 80 अंक पाए, जबकि धार ने 90 अंक प्राप्त किए हैं। इसी प्रकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में किए गए कामों पर 62 अंक के ग्रेड बी ही मिल पाई है।

पीएम आवास योजना में ए ग्रेडिंग

प्रधानमंत्री आवास योजना में जिसमें जिले को मिले लक्ष्य साल 2016-17 से 2021-22 तक पूण कराने और साल 2021-22 में तय लक्ष्य के अनुसार मंजूर किए जाने के मामले में इंदौर की स्थिति ठीक रही और 90 अंक प्राप्त कर ए ग्रेडिंग पाई। दूसरी ओर इंदौर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत खाद्यान उठाव, एमआईएस फिडिंग से लेकर निरीक्षण आदि मामले में इंदौर की स्थिति खराब रही और ग्रेड बी मिला।

ओडीएफ में भी फेल

व्यक्तिगत शौचालय निर्माण, सामुदायिक स्वच्छता परिसर की प्रगति की भौतिक रिपोर्ट पर भी ग्रेडिंग की गई। इसमें इंदौर ग्रामीण दो अंक से व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण की प्रगति में पिछड़ गया और 100 अंक में से 98 अंक ही मिले। जबकि भोपाल, रायसेन, बडवानी, बेतुल ने 100 अंक पाएं है। बता दें कि इंदौर साल 2016 में प्रदेश का पहला जिला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ- ओपन डेफिकेशन फ्री) घोषित किया गया था।