सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्याम हिमाचल बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा ही कर रहे थे कि एक मरीज का दर्द छलक गया। दर्द ऐसा कि उनके सारे वास्तुशिल्प पोल खुल गए। मरीज का कहना था कि, सरकारी अस्पताल के वकीलों का कहना था कि एक हफ्ते तक उसकी कैंसर पीड़ित मां का ऑपरेशन किया जाएगा, लेकिन वह एक महीने से इलाज के लिए भटक रहा है। फिर मंत्री के बयान पर दागा गया इलाज. अब इस सवाल पर निशान खड़ा हो रहा है कि हर व्यक्तिगत मंत्री से फोन करने पर क्या इलाज होगा? साथ ही सिस्टम को बड़े पैमाने पर दावा करने की बजाय वेंटीलेटर पर पेड सिस्टम टूल्स की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल तब खोली गई जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉक्टर भीमराव तोमर को मेकाहारा रायपुर में औचक निरीक्षण के लिए बुलाया। जहां रायगढ़ के रेजिडेंट सुपरस्टार के बेटे सुरेश कुमार पटेल ने मंत्री श्याम वैल को बताया कि, उनकी कैंसर पीड़ित मां पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं। ईसा मसीह ने एक सप्ताह में ऑपरेशन करने की बात कही थी, लेकिन एक महीने तक इलाज नहीं किया। उनके बाद मंत्री नारायण चौधरी से फोन पर बातचीत के बाद ऑपरेशन हुआ।
आगे उन्होंने मंत्री से यह भी बताया कि नर्सों और अन्य कर्मचारियों को कुछ जानकारी दी जाती है। डॉक्टर सुबह आते हैं और फिर दिन भर नदारद रहते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि, ये हमारी एक-दो लोगों की नहीं बल्कि बिल्डिंग की परेशानी है, जिसे दूर करना चाहिए। जिसके बाद मंत्री श्याम क्लब ने मरीजों के दर्द से परेशान मरीजों का बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए।
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