मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है। इन क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए अनुदान का प्रावधान भी किया गया है, जिससे निवेशकों के सहयोग से पर्यटन अधोसंरचना का विकास हो सके। राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों से संपर्क कर इन संभावनाओं का भी दोहन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सालाना 2 करोड़ पर्यटक पर्यटन स्थलों में आते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को नियमित रूप से रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य ये होम स्टे सहित छोटे-छोटे कुटीर उद्योग पर भी लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों के ग्रामीणों में होम स्टे व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, श्री बसवराजु एस., उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।