प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। क्वांर नवरात्रि मंदिर की अष्टमी को आधी रात नगर की मां दंतेश्वरी चंडी से खप्पर निकलेगी। ऐसी मान्यता है कि खप्पर के दौरे से किसी भी तरह की कोई भी आपदा, बीमारी नगर में प्रवेश नहीं कर सकती, जबकि नगर में सुख, शांति समृद्धि बनी हुई है। इस मौके पर 1000 से ज्यादा पुलिसवालों की ड्यूटी लगाई गई है। इसे भी पढ़ें : CG NEWS : कार से करोड़ों रुपए ले गए दो बदमाश, पुलिस ने मंगाई नकदी निकालने की मशीन
कवर्धा रियासत के राजा महिपाल द्वारा स्थापित मां दंतेश्वरी की महिमा के आज भी दर्शन मिल रहे हैं। मंदिर में आज भी खप्पर की परंपरा है। साल में केवल एक बार क्वांर नवरात्रि में ही दंतेश्वरी मंदिर से खप्पर बर्बाद होता है। दूर-दूर से लोग देखने के लिए देखें। हर साल 50 हजार से ज्यादा की संख्या में खप्पर देखने वाले सितारे हैं।
चौथाई का कहना है कि दंतेश्वरी मंदिर से खप्पर निकलने की परंपरा सौ साल से भी ज्यादा पुरानी है। वहीं शहर के ही मां चंडी मंदिर से 25 साल पहले और 15 साल पहले बंद हुई मां चंडी मंदिर की परंपरा शुरू हुई थी, जो आज भी स्थापित है। मुख्य पांडा एक हाथ में तलवारें और दूसरे में जलते हुए खप्पर लेकर नगर भ्रमण को निकले हैं।
चंडी मंदिर को लेकर कहा जा रहा है कि किस देवी की यह प्रतिमा पहले इतवारी पंडा की कुल देवी थी, जो मंदिर में स्थापित थी, बाद में मूर्तिकारों ने इसे वर्तमान स्थान पर स्थापित कर दिया। इतवारी पंडा शुरू से चंडी मंदिर से खप्पर लेकर आते हैं। उनके आगे के मंदिर से दो पांडा बने मार्ग का अवरोध दूर करते हैं।