रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल का नाम पत्र लिखा है, जिसमें छत्तीसगढ़ धान की सुरक्षा और रिकॉर्ड में घोर अनदेखी के कारण 25 लाख 93 हजार 880 सामान्य धान खराब होने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने इस प्रकरण की जांच के साथ जिम्मेदारी तय करने के लिए अपने स्तर से चारित्रिक कार्रवाई की मांग की है। इसे भी पढ़ें: इलाज के लिए मरीज को कंधे पर उठाकर 10 किमी तक पहुंचाया जाता है, पहाड़ों को पार करने के बाद एम्बुलेंस मिलती है…
डॉ. चरणदास महंत ने पत्र में लिखा है कि 2023 में धान उपार्जन की मात्रा 144 लाख 12 हजार टन थी। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मीलिंग करके चावल तैयार किया जाता है। मीलिंग पूर्ण होने में पर्याप्त समय लगता है। इस अवधि में धान की सुरक्षा एवं सहकारिता का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होता है। 2 सैथ की स्थिति में कुल 25 लाख 93 हजार 880 रूपये की मीलिंग नहीं मिली।
विश्लेषण में पाया गया कि इसमें 4 लाख 16 हजार 410 से 4 लाख 16 हजार 410 रुपये शामिल हैं और 21 लाख 77 हजार 470 रुपये शामिल हैं। मुआयना डिक्लेरेशन पर पाया गया कि जो धान रिकार्ड में शेष दिख रहा है, वहां पर धान है ही नहीं। इसी प्रकार के संग्रह में खुले आकाश के नीचे कैप कवर के अंदर भंडारित शेष धान की स्थिति बहुत खराब है।
इस तरह से 25 लाख 93 हजार 880 रुपये का धान खराब हो गया है। यह एक बड़ी क्षति सुरक्षा और कोचिंग में घोर अनदेखी का कारण है। इन तथ्यों के साथ डॉ. महंत ने राज्यपाल से पूरे प्रकरण की जांच उत्तरदायित्व के साथ कर अपने स्तर पर तार्किक कार्रवाई का आग्रह किया है।