एयरपोर्ट गहवाई, बिलासपुर। बिलासपुर जिला अस्पताल इन दिनों प्लास्टिक में है, वह भी अपनी लचर व्यवस्था के कारण। इस बीच फिर से एक बड़ी इंडस्ट्री सामने है। जहां मोबाइल के इलेक्ट्रॉनिक्स की रोशनी में याचिकाकर्ता ने यात्री का ऑपरेशन कर दिया। इस कलाकृति की रोशनी में दिखाए गए ऑपरेशन की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना सोमवार की है जब बिलासपुर जिले के हॉस्पिटल में रेजिस्टेंस ऑपरेशन के दौरान अचानक बिजली चली गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सहयोगियों को मोबाइल की मदद से मरीज का ऑपरेशन करना पड़ा, जिससे मरीज की जान पर बन आई। सिद्धांत ने मोबाइल के चैलेंज की रोशनी के नाम से ही ऑपरेशन किया। अस्पताल में बिजली इलेक्ट्रोइलेक्ट्रिक ऑप्टिकल फाइबर के बाद स्थिरीकरण सहित अन्य ऑपरेशनों को भी टाला गया।
बताया जा रहा है कि अस्पताल में 7 बिल्डरों के मौजूद होने के बावजूद ऑपरेशन थिएटर में पावरफुल जनरल लीडरशिप के लिए कोई काम नहीं हुआ, क्योंकि सभी बिल्डर बंद पड़े थे। बिल्डर्स बंद रहने का कारण डीजल की कमी बताई जा रही है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की बड़ी समस्याओं को उजागर किया है।
इस मामले में जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने रिसीव को कॉल नहीं किया।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही जिला अस्पताल में एक बेजुबान युवक के इलाज में तलाक हो गया था। इस मामले में मीडिया में खबर आई कि उच्च न्यायालय ने स्वतःस्मृति स्मारक ले लिया है और दस्तावेज़ के रूप में सुनवाई शुरू कर दी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को पोस्ट की गई है।