रोहित कश्यप, मुंगेली। 15 अगस्त को मुंगेली जिले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान मोस्ट गिरिजाशंकर के हाथों में कबूतर नहीं उड़ने की घटना ने सोशल मीडिया पर जोरदार हंगामा मचाया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले को परम मित्रता से लिया गया है। छात्र ने राहुल देव को जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ निर्देशात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है।
ट्रस्टी गिरिजा कैथेड्रल ने रजिस्ट्रार राहुल देव को पत्र में लिखा है कि बीमार कबूतर को पकड़ने के लिए जमीन पर हमला किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य अतिथि यानी सहयोगी पुब्लूलाल मोहले के हाथ से अगर यह घटना हुई तो और भी शानदार स्थिति का सामना करना पड़ा। एक्जॉइंट ने यह भी कहा है कि इस कार्यक्रम से पूर्व दिव्यांग अधिकारियों की बैठक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर कबूतर उड़ाया नहीं गया, जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जिम्मेदारीपूर्वक कार्य नहीं किया गया, यह विवरण है। डॉक्टर राहुल देव ने कहा, ‘लल्लूराम डॉट कॉम से एक पत्र मिला है जिसमें जांच कर कार्रवाई की जाएगी।’
जानें डॉक्टर को लिखित पत्र में डॉक्टर ने क्या मांगा है
एसएसओ ने पत्र में लिखा है कि 15 अगस्त 2024 को मुंगेली जिले के प्रमुख ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान कपोत उड़ान भरने के दौरान एक कपोत मैदान पर गिर की घटना हुई। स्वतंत्रता दिवस जैसे प्रमुख राष्ट्रीय कप के महोत्सव कार्यक्रम के दौरान जमीन पर गिरफ़्तारी की घटना को सोशल मीडिया और अन्य मीडिया में प्रमुखता से प्रसारित किया गया। जिले के प्रमुख ध्वजारोहण कार्यक्रम में बीमार कपोट को उड़ाने के लिए प्रस्तुतिकरण से यह स्थिति निर्मित हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रतिनिधि के हाथ से यदि यह कार्यक्रम हुआ तो और भी भव्य स्थिति का सामना करना पड़ सकता था।
स्वतंत्रता दिवस के पूर्व सभी विभागों के प्रमुखों की बैठक आयोजित कर उन्हें अपने-अपने कार्यकलापों के संपादन के तरीकों से समीचीन बनाने के लिए निर्देशित कर जिम्मेदारी सौंपी गई थी, ताकि स्वतंत्रता दिवस समारोह में सफलता कम से कम मित्र हो सकें। निश्चित रूप से इस कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अपनी जिम्मेदारी का लचीलापन नहीं बनाया गया है। इसलिए पुरानी घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी की ओर से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई प्रस्तावित है।